Jaipur historic Amber Fort: जयपुर के आमेर किले का इतिहास, वास्तुकला और रोमांस की कहानी। राजाओं के वैभव से लेकर शीश महल के रहस्य तक, जानिए इस शानदार किले के बारे में।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपने परिवार समेत जयपुर में आमेर किले का दौरा किया। यहां उनका शाही अंदाज में स्वागत किया गया। यहां की सुंदरता और संस्कृति देखकर वो सरप्राइज हो गए। जानें आमेर किला की दिलचस्प कहानी।
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इतिहास, वास्तुकला और रोमांस की कहानी
राजस्थान की रेत भरी ज़मीन पर जब सूरज की पहली किरण पड़ती है, तो जयपुर की पहाड़ियों पर खड़ा आमेर किला (Amber Fort) सोने की तरह दमक उठता है। यूं तो भारत में किलों की कमी नहीं, लेकिन आमेर किला उन गिने-चुने स्मारकों में है जो सिर्फ राजसी वैभव ही नहीं, बल्कि इतिहास, वास्तुकला और रोमांस की कहानियां भी समेटे हुए है।
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इतिहास के पन्नों में दर्ज है कहानी
आमेर किले का निर्माण राजा मान सिंह I ने 1592 में करवाया था। यह किला राजपूताना गौरव और मुगलों की स्थापत्य शैली का संगम है। बाद में राजा जय सिंह और अन्य शासकों ने इसमें कई भव्य हिस्से जोड़े। यह किला कभी कछवाहा राजपूतों की राजधानी हुआ करता था, जिन्होंने कई पीढ़ियों तक इस किले को राजसी ठाठ-बाठ के साथ जिया।
दीवान-ए-आम (Public Hall) – यहां राजा आम जनता से मिलता था। संगमरमर के खंभों और मुगल शैली की नक्काशी से सजा ये हिस्सा आज भी अद्भुत लगता है।
दीवान-ए-खास (Private Hall) – यहां राजा खास मेहमानों से चर्चा करता था। इसकी छत और दीवारों पर की गई नक्काशी बेहद बारीक और सुंदर है।
शीश महल (Mirror Palace) – आमेर का सबसे खास हिस्सा। यहां की दीवारों और छतों में लगे कांच रात में एक दीया जलाने पर पूरे महल को रौशन कर देते हैं।
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राजसी वास्तुकला और किले के अहम हिस्से
गणेश पोल (Ganesh Gate) – रंगीन पेंटिंग्स और जटिल नक्काशियों से सजा यह दरवाज़ा किसी पोस्टकार्ड से कम नहीं।
सुख निवास – राजा-रानी की गर्मी से राहत पाने की जगह। यहां पानी के छोटे फव्वारे और ठंडी हवा की व्यवस्था की गई थी।
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हाथी की सवारी और लाइट शो
आज भी आमेर किले तक पहुंचने के लिए हाथी की सवारी का आनंद लिया जा सकता है – जो बच्चों और विदेशी सैलानियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। रात को होने वाला लाइट एंड साउंड शो इतिहास को जीवंत कर देता है – मानो आप 400 साल पीछे लौट गए हों।