कौन हैं अंकिता राजेंद्रन, जिसने फुल -टाइम जॉब के साथ की 108 देशों की यात्रा

Published : May 02, 2025, 11:37 AM IST
Ankita-Rajendaran-

सार

Meet Ankita Rajendaran: अंकिता राजेंद्रन की स्टोरी उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणादायक हैं जो सिर्फ इसलिए नहीं घूमती है कि वो फुल टाइम जॉब कर रही हैं या फिर घर की ज्यादा जिम्मेदारी है। इस महिला ने काम के साथ-साथ 108 देशों की यात्रा की है। 

Meet Ankita Rajendaran: अंकिता राजेंद्रन का पासपोर्ट पहली नजर में किसी ट्रैवल इन्फ्लुएंसर जैसा लगता है जिसने 108 देशों की यात्रा की है और वो भी फुल टाइम कॉर्पोरेट जॉब के साथ। मस्कट (ओमान) में पली-बढ़ी अंकिता का बचपन घूमने से शुरू हुआ। वो कांचीपुरम, मदुरै, कुंभकोणम जैसे शहरों में बजट ट्रेनों में फैमिली के साथ घूमीं। 2014 में पेरू की जर्नी ने उनके भीतर घूमने का जुनून फिर से जगा दिया। तभी से उन्होंने ठान लिया कि वे ट्रैवल को प्रॉयरिटीट देंगी।

स्मार्ट प्लानिंग की ताकत

अंकिता ने कभी भी लंबी छुट्टियां नहीं लीं। उन्होंने हर साल जनवरी में अपनी घूमने की प्लानिंग कीं। छुट्टियों को सार्वजनिक छुट्टियों के साथ जोड़कर माइक्रो-बेक्स में बड़ी यात्रा कर लीं। उनके मुताबिक, 'हर यात्रा दो हफ्ते की नहीं होनी चाहिए, कभी-कभी 5 दिन की ट्रिप भी जीवन बदल सकती है।'

बजट में यात्रा और बैलेंस

हर महीने की सैलरी से 30% वह और उनके पति ट्रैवल के लिए अलग रखते हैं। शुरुआती बुकिंग्स, फ्लाइट अलर्ट्स और लॉयल्टी प्रोग्राम्स की मदद से उन्होंने यात्रा को किफायती बनाया।

ऑफिस और यात्रा का तालमेल

अंकिता का कहना है कि उनकी कार्यक्षमता कभी प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने क्लीयर बातचीत और भरोसे के दम पर अपने काम में निरंतरता बनाए रखी। उन्होंने कहा कि यात्रा ने मुझे बेहतर लीडर बनाया। ज्यादा शांत, बैलेंस और सहानुभूतिशील महिला मैं बनीं।

भीड़ से हटकर अनुभव

उनकी पसंदीदा जगहों में सूडान, ग्वाटेमाला और ताइवान जैसे कम चर्चित देश हैं। उनका मानना है कि जब आप चेकलिस्ट के बजाय अनुभवों के लिए यात्रा करते हैं, तभी असली जादू मिलता है।

सोलो ट्रैवल, लेकिन अकेले नहीं

अक्सर दोस्तों या पति के साथ यात्रा करने वाली अंकिता ने कई सोलो ट्रिप्स भी की हैं। उनका मानना है, 'सोलो का मतलब अकेलापन नहीं, आत्मबल होता है।'

अंकिता कुछ ट्रैवल मंत्र:

हर कुछ महीनों में छोटी लेकिन मकसदपूर्ण ट्रिप करें।

टॉप 10 की बजाय अपने इंटरेस्ट को फॉलो करें।

हल्का सामान लेकर ट्रैवल करें । एक बैकपैक ही काफी है।

सिर्फ संख्या नहीं, अनुभव मायने रखते हैं

108 देशों का आंकड़ा गर्व का विषय है, लेकिन अंकिता का ध्यान अब धीमी और गहराई से जुड़ी यात्राओं पर है जैसे सीरिया, जापान, न्यूजीलैंड। वे अब भारतीय यात्रियों के लिए इराक, ईरान और मेडागास्कर जैसे ऑफबीट डेस्टिनेशन पर ग्रुप ट्रिप्स भी प्लान कर रही हैं।

 

 

I Wish…” वालों के लिए संदेश

जो लोग घूमने का सपना देखती हैं उन्हें अंकिता कहती हैं कि छोटा शुरू करो, प्लान करो, और खुद पर भरोसा रखो। सही समय का इंतज़ार मत करो ,वह शायद कभी ना आए।

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