खुशियों की मन्नत मांगने अष्टमी पूजन के लिए गई थी मां, लौटी तो डरावना सीन देख चीखने लगी

Published : Oct 08, 2019, 12:49 PM IST
खुशियों की मन्नत मांगने अष्टमी पूजन के लिए गई थी मां, लौटी तो डरावना सीन देख चीखने लगी

सार

14 साल के बच्चे ने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एक दिन पहले मां इकलौते बेटे की खुशियों की खातिर अपने गांव कुलदेवी की पूजन करने लिए गई थी। लेकिन उसे क्या पता था उसका बेटा आने से पहले ही यह कदम उठा लेगा।

भोपाल. नवरात्रि के दिनों में हर मां अपने बच्चों की खुशहाली के लिए व्रत रखती है। विधि-विधान से देवी मां की पूजा-अर्चना करती है। राजधानी भोपाल में भी एक मां अपने बेटे की खुशियों की मन्नत मांगने के लिए अष्टमी पूजन करने के लिए गई थी। लेकिन जब वो पूजन करके लौटी तो अपने बेटे को फांसी के फंदे पर लटका देख चीखने लगी और बेसुध हो गई।

मां ने बेटे की खुशियों के लिए मांगी थी मन्नत
दरअसल, भोपाल की निवासी कल्पना अपनी बेटी राधिका और देवर भागचंद के साथ गांव अष्टमी के दिन अपनी कुलदेवी के पूजन के लिए गई थी। जाने से पहले उसने अपने इकलौते बेटे के सिर पर हाथ फेरा था। महिला ने अपनी संतान की खुशियों के लिए देवी मां से मन्नत मांगी थी। लेकिन उसे क्या पता था वो जिसके लिए ये सब कर रही वह उसके जाते ही सुसाइड कर लेगा। 

बच्चे ने किचन में जाकर लगाई फांसी
परिजनों के मुताबिक, जब उनके बच्चे निखिल ने यह कदम उठाया उस समय घर पर कोई नहीं था। जब हमने उसको कॉल किया तो उसने उठाया नहीं था। फिर उन्होंने एक रिश्तेदार को उसका पता लगाने को कहा। जैसे ही वह उनके घर पहुंचे तो निखिल किचन में फांसी के फंदे पर लटक रहा था।

घरवाले बोले-उसके दिल में क्या चल रहा था
 मृतक बच्चे के चाचा ने बताया हमारा बेटा पढ़ने में होशियार था। वह आठवी क्लास में पास के ही अंकुर स्कूल में पढ़ता था। उसे ऐसी क्या परेशानी थी जो उसने घरवालों को नहीं बताई। उसके मन में आखिर ऐसा क्या चल रहा था जो उसने यह आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम उठाया।

पिता पैरालिसिस अटैक के कारण अस्पताल में हैं एडमिट
पुलिस के मुताबिक बच्चे ने किचन में फांसी लगाई है। घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं बरामद हुआ है। जिससे आत्महत्या की वजह का पता चल सके। मामला रविवार दोपहल का बताया जा रहा है। मृतक निखिल महज 14 साला का था, उसके पिता पिता शीलचंद साहू पैरालिसिस अटैक के कारण अस्पताल में एडमिट हैं। 

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