झोपड़ी में खाना मांग रहा था बच्चा, बौखलाकर दौड़ती आई गाय ने कुचला, मां के सामने मौत

हादसे से कुछ देर पहले ही बच्चा लक्ष्य मां से खाना मांग रहा था। बोला था- मम्मी भूख लगी है, जल्दी खाना दो। मां साधना कलेजे के टुकड़े की इसी बात को याद कर बिलख-बिलख कर रो रही है। 

भोपाल. मध्य प्रदेश के दामखेड़ा में बौखलाकर दौड़ती हुई आई गाय ने झोपड़ी में मां से खाना मांग रहे एक बच्चे को कुचल डाला। बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। मौत के समय बच्चा अपनी मां से भूख लगी है कहकर खाना मांग रहा था तभी अचानक से झोपड़ी की टीन तोड़कर गिरी गाय ने उसे कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे से पूरे इलाके में कोहराम मचा हुआ है। मासूम की मौत से मां और मजदूर पिता सदमें में हैं। 

बुधवार रात को दामखेड़ा ए-सेक्टर के झुग्गी-झोपड़ी इलाके में कुत्तों के झुंड से बौखलाई गई ने दौड़ लगा दी। छत पर लगी टीन शेड तोड़ते हुए झुग्गी में गिरी गाय की चपेट में आने से केजी-1 के छात्र की मौत हो गई। उस वक्त छात्र माता-पिता और छोटी बहन के साथ खाना खा रहा था। बाद में पता चला कि कुत्तों के झुंड से बचने के लिए गाय दामखेड़ा टीले पर दौड़ लगा रही थी। तभी वह टीले के समानांतर तन चुकी झुग्गियों पर पहुंच गई। 

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टीन की छत के नीचे खाना खा रहा था परिवार

अंधेरे के कारण वह झुग्गियों की छत पर 30 फीट तक दौड़ी और एक कमजोर चद्दर तोड़ते हुए झुग्गी में जा गिरी। हादसा विष्णु नवरंग के पांच वर्षीय बेटे लक्ष्य के साथ हुआ। बच्चे का पिता मजदूर है। पेशे से मिस्त्री विष्णु यहां  साधना, दो साल की बेटी और लक्ष्य के साथ रहते हैं। रिश्तेदार जोगेंद्र बंजारे ने बताया कि घर का इकलौता बेटा लक्ष्य एक निजी स्कूल में केजी-1 का छात्र था। हादसे की खबर मिलते ही बस्ती में चीख-पुकार मच गई। 

डॉक्टर ने कहा बच्चा मर गया- 

बेटे को तड़पते देख विष्णु उसे लेकर अस्पताल की ओर दौड़े। अस्पताल में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर कोलार पुलिस पहुंची और जांच-पड़ताल की।

बच्चे के आखिरी शब्द थे मां भूख लगी है

हादसे से कुछ देर पहले ही बच्चा लक्ष्य मां से खाना मांग रहा था। बोला था- मम्मी भूख लगी है, जल्दी खाना दो। मां साधना कलेजे के टुकड़े की इसी बात को याद कर बिलख-बिलख कर रो रही है। आने वाले महीने फरवरी में 23 तारीख को बच्चे का जन्मदिन था। 

ऐसा हुआ हादसा- 

दामखेड़ा ए-सेक्टर बस्ती गड्ढे में बनी है। उसके बगल की जमीन (टीला) बस्ती की झुग्गियों के समानांतर है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गाय टीले पर थी। कुत्तों के झुंड ने उस पर भौंकना शुरू कर दिया। वह दौड़ी और झुग्गियों की छत पर पहुंच गई। एक बार वह लड़खड़ाई होगी। फिर दौड़ने लगी। करीब तीस फीट दूर तीसरी झुग्गी की छत उसका वजन झेल नहीं पाई और गाय झुग्गी के अंदर जा गिरी।

(फाइल फोटो)

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