एक और वर्दीवाले 'बहादुर' ने सोशल मीडिया पर दिखाए तेवर-'साड्डा हक, इत्थे रख'

Published : Oct 15, 2019, 05:30 PM IST
एक और वर्दीवाले 'बहादुर' ने सोशल मीडिया पर दिखाए तेवर-'साड्डा हक, इत्थे रख'

सार

दो साल पहले खराब खाने का मुद्दा उठाकर अपनी नौकरी गंवाने वाले BSF के जवान तेजबहादुर के बाद मप्र में भी एक पुलिसवाले ने अपने हक के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम छेड़ी है। परिणाम, उसे लूप लाइन में डाल दिया गया है।

भोपाल.  -'साड्डा हक, इत्थे रख' इस फिल्मी गाने की स्टाइल में पुलिसवाले भी अपने हक की आवाज सोशल मीडिया पर उठा रहे हैं। भाषा-शब्द और शैली भले ही इस गाने से अलग हो, लेकिन कोशिश यही है कि उनका हक मिले। मध्य प्रदेश पुलिसवाले अपने परिवारों के जरिये हक की आवाज उठा रहे हैं। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उनके परिजन सरकार को लगातार घेर रहे हैं। इसी मुद्दे पर सोशल मीडिया पर पुलिस व्यवस्था में सुधार लाए जाने सहित पुलिसकर्मियों की विभिन्न मांगों को कथित तौर पर पोस्ट करने वाले जबलपुर के एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। जबलपुर के SPअमित सिंह ने मंगलवार को बताया,‘कांस्टेबल शुभम बाजपाई अपने मोबाइल नम्बर से सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर पुलिस व्यवस्था में सुधार लाए जाने सहित पुलिसकर्मियों की विभिन्न मांगों को पोस्ट कर रहा है।’

उन्होंने कहा कि इस कान्स्टेबल का यह कृत्य पुलिस आचरण के विपरीत है और उसके द्वारा की गई अनुशासनहीनता से पुलिस विभाग एवं शासन की छवि भी धूमिल हो रही है। इसके चलते उसे सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान यहां उसे पुलिस लाइन में अटैच किया गया है। सिंह ने बताया कि शुभम जबलपुर जिले की नुनसर पुलिस चौकी में पदस्थ था। 

  • आरक्षक का ग्रेड पे 2800 हो
  • आवास भत्ता 5000 रुपए हो
  • साइकिल भत्ते की जगह मोटरसाइकिल भत्ता 3000 रुपए मिले
  • पिछले 50 सालों में जिन भत्तों को नहीं बढ़ाया गया, उन्हें लागू किया जाए
  • विशेष सशस्त्र बल से जिला बल में संविलियन चालू किया जाए
  • दूसरे राज्यों की तरह मध्यप्रदेश पुलिस संगठन बनाया जाए
  • पुलिस विभाग में आवास गृह की समस्याओं को हल किया जाए
  • गृह जिले में पदस्थापना की जाए, जिससे पुलिसकर्मी अपने परिवार को समय दे सकें
  • दूसरे राज्यों की तरह आठ घंटे की ड्यूटी की जाए
  • ओवरटाइम का अलग से भुगतान हो
  • विशेष सशस्त्र बल की कंपनियों को स्थायी किया जाए
  • पुलिस अधिनियम 1861 को समाप्त किया जाए

 

अब जानें तेज बहादुर के बारे में...

बात 2017 की है, जब BSF के जवान तेज बहादुर ने खराब खाने को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। तेज ने आरोप लगाया था कि जो राशन जवानों के लिए आता है, उसे सीनियर आफिसर्स मार्केट में बेच देते हैं। इसके बाद से तेज बहादुर के लिए परेशानियां खड़ी होने लगी थीं। आखिरकार उन्हें BSF से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। तेज अब राजनीति में उतर आए हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने की कोशिश की थी। हालांकि उनका नामांकन रद्द हो गया था। तेज बहादुर ने अब दुष्यंत चौटाला की पार्टी 'जननायक जनता पार्टी(JJP)' की सदस्यता ले ली है। तेज बहादुर यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रहने वाले हैं। अब वे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के खिलाफ चुनावी बिगुल बजा चुके हैं।

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