हिंदू-मुस्लिम को लेकर भले लोग खींचतान में लगे रहें, लेकिन इसी देश में ऐसे लोग भी हैं, जिनके लिए इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। भोपाल की एक मुस्लिम फैमिली के लिए जितना महत्व ईद रखती है, उतना ही दीपावली। यह परिवार हर साल दीपावली धूमधाम से मनाता है। पटाखे फोड़ता है और मिठाइयां बंटवाता है। वजह, इस परिवार में 14 साल पहले धनतेरस के दिन जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया था।
भोपाल, मध्य प्रदेश. त्यौहार किसी एक धर्म या सम्प्रदाय के लिए नहीं बने होते। आपके धार्मिक रीति-रिवाज अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हर्ष और उल्लास सबके लिए एक से होते हैं। भोपाल की एक मुस्लिम फैमिली के लिए जितना महत्व ईद रखती है, उतना ही दीपावली। यह परिवार हर साल दीपावली धूमधाम से मनाता है। पटाखे फोड़ता है और मिठाइयां बंटवाता है। वजह, इस परिवार में 14 साल पहले धनतेरस के दिन जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया था। इकबाल भोपाल में जेल पहाड़ी स्थित जेल परिसर में रहते हैं। इस दीपावली भी इस परिवार में खुशियां लेकर आएगी।
घर में आए हैप्पी और हनी...
इकबाल ने अपने जुड़वा बेटों के नाम हैप्पी और हनी रखा है। इकबाल का कहना है कि त्यौहार सबको मिलकर मनाना चाहिए। ये खुशियां बांटने का अच्छा अवसर होते हैं। इकबाल की दोनों बेटियां मन्नत और साइना भी दीपावली पर अपने लिए नये कपड़े खरीदती हैं। इकबाल की पत्नी रेशू अहमद बताती हैं कि उनके बेटे धनतेरस के दिन जन्मे इसलिए यह दिन उनकी जिंदगी में विशेष महत्व रखता है। इस त्यौहार के जरिये इकबाल सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हैं।
घर में मिलेंगे गीता-कुरान
इकबाल के घर में कुरान के साथ गीता भी मिलेगी। इनके घर की दीवारों पर गणेश जी, लक्ष्मी जी, शंकर जी और दुर्गा मां की फोटो भी लगी देखी जा सकती हैं। यह परिवार दीपावली पर पूजन के बाद अपने मुंहबोले भाई रामपाल के घर जाता है। इकबाल को रंगोली बनाने का शौक है। वहीं, रेशू गुजिया और मिठाइयां बहुत अच्छा बनाती हैं। इकबाल ने अपने घर में एक पूजा घर बनाया हुआ है। यहीं वे कुरान पढ़ते हैं और दीपावली पर पूजा करते हैं।
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