अपने ही समधी से चुनाव हारते ही फूट-फूटकर रोने लगीं इमरती देवी, आइटम कांड भी नहीं दिला सका जीत

मंगलवार को जब वोटो की मतगणना हो रही थी, तब  काऊंटिंग के दौरान आखिरी राऊंड में इमरती देवी पिछड़ी तो वह भावुक होकर जाने लगीं। पास  खड़ी एक परिचित महिला के गले लग गईं और फूट-फूटकर रोने लगीं। वे अपने ही समधी सुरेश राजे से हार गईं।

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2020 6:48 AM IST / Updated: Nov 11 2020, 12:20 PM IST

डबरा. मध्य प्रदेश के उपचुनाव में 28 में से 19 सीटें जीतकर भाजपा सरकार अब एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बन गई है। सीएम शिवराज ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के सपने को सपना ही रहने दिया। कांग्रेस  सिर्फ 9 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है। लेकिन इस उपचुनाव की सबसे चर्चित सीट रही डबरा कांग्रेस की झोली में गई। शिवराज सरकार की मंत्री इमरती देवी अपने ही समधी सुरेश राजे से हार गईं।

महिला के गले लग रोने लगीं इमरती देवी
बता दें कि मंगलवार को जब वोटो की मतगणना हो रही थी, तब  काऊंटिंग के दौरान आखिरी राऊंड में इमरती देवी पिछड़ी तो वह भावुक होकर जाने लगीं। पास  खड़ी एक परिचित महिला के गले लग गईं और फूट-फूटकर रोने लगीं।

राष्ट्रीय स्तर तक चर्चा हुई, फिर भी हार गईं चुनाव
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने के दौरान चुनावी सभा में डबरा से भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी के लिए आइटम शब्द का उपयोग किया था। कमलनाथ के इस बयान की  राष्ट्रीय स्तर तक चर्चा हुई थी। जिसकी वजह से चुनाव आयोग ने उनसे स्टार प्रचार का दर्जा तक छीन लिया था। वहीं राहुल गांधी ने भी इस बयान की निंदा की थी। लेकिन इन सबके बावजूद भी इस सीट से कांग्रेज ने बाजी मार ली और इमरती देवी चुनाव हार गईं।

आइटम कांड से भी इमरती देवी को नहीं मिली सहानुभूति 
भारतीय जनता पार्टी और सीएम शिवराज ने कमलनाथ को जमकर घेरा था। भाजपा को इस आइटम कांड को भुनाने के लिए  सहानुभूति की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा होते नहीं दिखा। ऐसा लगने लगा था कि अब तो इमरती देवी चुनाव जीत जाएंगी। इससे बाद वह अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं हो सकीं। वे अपने ही समधी सुरेश राजे से हार गईं जिन्हें वे दलबदल से पहले खुद कांग्रेस पार्टी में कभी लाई थीं।

7 पहले भी हो चुका है समधी-समधन के बीच मुकाबला
बता दें कि दोनों समधी-समधन के बीच सात साल पहले 2013 में भी ऐसा मुकाबला हो चुका है। BJP ने सुरेश को अपनी समधन कांग्रेस की इमरती देवी के सामने उतारा था। जहां BJP ने सुरेश को अपनी समधन कांग्रेस की इमरती देवी के सामने उतारा था, लेकिन इमरती देवी ने समधी यानि सुरेश कड़ी शिकस्त दी थी।

(एक साथ चुनाव प्रचार के दौरान समधी-समधन सुरेश राजे और इमरती देवी)

ये रिश्ता है दोनों नेताओं के बीच
सुरेश राजे और इमरती देवी के रिश्ते में समधी-समधन लगते हैं। बता दें कि सुरेश के बड़े भाई के बेटे की तरफ इमरती देवी के भाई की बेटी की शादी हुई है। इस रिश्ते से दोनों नेता आपस में समधी-समधन होते हैं। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के सुरेश गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को अपना राजनीतिक गुरु मनाते हैं। जब वह भाजपा में थे तो मिश्रा से ही 38 साल तक राजनीति के दांव-पेंच सीखे हैं। अब उनके गुरू ही उनकी विपक्षी दल में हैं।

दो साल पहले समधन का किया था प्रचार
बता दें कि दो साल साल 2018 में सुरेश राजे को भारतीय जनता पार्टी ने नजर अंदाज किया तो उन्होंने बीजेपी पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस दौरान 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी समधन इमरती देवी के लिए जबरदस्त प्रचार-प्रसार किया था। जिसके चलते इमरती देवी को 57 हज़ार की शानदार जीत मिली थी।

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