चौंकाने वाला यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर के समीपवर्ती एक गांव का है। वर्ष, 2014 में गर्भवती महिलाओं की जांच के दौरान महिला बाल विकास के सामने आई थी यह घटना।
इंदौर, मध्य प्रदेश. चौंकाने वाला यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर के समीपवर्ती एक गांव का है। वर्ष, 2014 में गर्भवती महिलाओं की जांच के दौरान महिला बाल विकास के सामने आई थी यह घटना। अब इस नाबालिग की शादी कराने के जुर्म में JMFC Court ने लड़की और लड़के दोनों के पिता को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। लड़की की उम्र का पता शादी के तीन साल बाद यानी वर्ष, 2014 में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के चेकअप के दौरान मालूम चला था। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
शादी के वक्त गर्भवती थी लड़की...
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख ने बताया कि 2 जुलाई, 2014 को महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम के तहत एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी अपनी टीम के साथ गांव में गर्भवती महिलाओं का भौतिक सत्यापन का कार्य कर रही थीं। यहां नेवरी गांव की किरण पत्नी अशोक कलोता भी पहुंची थी। यहां मालूम चला कि उसकी शादी 13 साल की उम्र में कराई गई थी। किरण की शादी 6 मई, 2011 को हुई थी। मार्कशीट में उसकी जन्मतिथि 5 जनवरी 1998 लिखी हुई थी। पड़ताल में सामने आया कि शादी के वक्त किरण तीन माह की गर्भवती थी। संभवत: इसी को देखते हुए कथित प्रेमी से उसकी शादी करा दी गई। कानूनी तौर पर बाल विवाह अपराध है।
यह मामला कोर्ट पहुंचा। अब शुक्रवार को कोर्ट ने किरण के पिता देवकरण (50) और उसके पति अशोक के पिता मुन्नालाल (50) को एक-एक साल कठोर कारावास और पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।