MP में वैक्सीन ट्रायल का चौंकाने वाला खुलासा:पैसे देकर लोगों को बुलाया अस्पताल और धोखे से लगाया टीका

कोवैक्सिन के ट्रायल का यह फर्जीवाड़ा भोपाल की  पीपुल्स हॉस्पिटल से सामने आया है। जहां करीब  600 से ज्यादा लोगों को धोखे में रखकर उन पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा था। इतना ही नहीं जब टीका लगने के बाद यह मार पड़ने लगे तो डॉक्टरों ने इनकी तरफ देखा तक नहीं।

भोपाल. इस समय पूरे देश में कोरोना वैक्सीन की चर्चा चल रही है। सभी राज्यों में जल्द ही कोरोना वैक्सीनेशन का काम शुरू होने वाला है। इसी बीच मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की एक अस्पताल से कोवैक्सिन के ट्रायल में फर्जीवाड़ा का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां लोगों को पैसे देकर बुलाया गया और धोखे से उन्हें टीका लगाया गया। मामले का खुलासा जब हुआ तब यही लोग बीमार पड़ने लगे। 

टीक लगते ही चक्कर खाकर गिरने लगे लोग
दरअसल, कोवैक्सिन के ट्रायल का यह फर्जीवाड़ा भोपाल की  पीपुल्स हॉस्पिटल से सामने आया है। जहां करीब  600 से ज्यादा लोगों को धोखे में रखकर उन पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा था। इतना ही नहीं जब टीका लगने के बाद यह मार पड़ने लगे तो डॉक्टरों ने इनकी तरफ देखा तक नहीं, वह अस्पताल के चक्कर लगाते रहे, लेकिन किसी ने उनकी परवाह नहीं की, इसके बाद पीड़ित लोगों ने मीडिया के सामने इस मामले का खुलासा किया।

Latest Videos

एक टीका लगवाने के दिए जा रहे थे 750 रुपए
बता दें कि हॉस्पिटल पर आरोप है कि उन्होंने झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को बिना कुछ बताए एक युवक को 750 रुपए देकर अस्तपताल बुलाया था। सबसे पहले लोगों से उनके कागज लिए गए, इसके बाद धोखे में रखकर उन्हें यह ट्रायल किया गया। जब मामला तूल पकड़ने लगा तो मैनेजमेंट टीम  बस्ती पहुंची और लोगों से बातचीत की। वहीं इन सभी आरोपों को मैनेजमेंट सिरे से खारिज कर दिया। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अनिल दीक्षित ने बताया कि वैक्सीन ट्रायल में शामिल लोगों को आधे घंटे समझाया जाता है। उनकी रजामंदी के बाद ही टीका लगाया जाता है। जो भी लोग ऐसे आरोप लगा रहे हैं, वे बहकावे में आकर ऐसा बयान दे रहे हैं। हम इसी जांच करवाएंगे।

एक पीड़ित ने बताया कैसे उसे धोखे में रख लगाया टीका
इस मामले पर भोपाल की सोशल एक्टिविस्ट रचना ढींगरा ने पीड़ित लोगों से बातचीत की। जहां विदिशा रोड पर शंकर नगर में रहने वाले हरिसिंह ने बताया कि उन्हें 7 दिसंबर को पीपुल्स हॉस्पिटल में बुलाया था। जहां हरिसिंह को बताया गया कि सरकार की तरफ से आपकी कुछ जांचें होनी है और इसके लिए आपको 750 रुपए भी मिलेंगे। उसके बाद आपको एक टीका लगेगा। इससे शरीर का खून साफ होगा। फिर मुझसे एक कागज पर अपना नाम लिखवाकर साइन करवा लिए और टीका लगा दिया। उसी दिन से में बीमार रहने लगा, जब उस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर मेरी बात सुनने को राजी नहीं है।

13 जनवरी लगना शरू हो सकती है वैक्सीन
बता दें कि भारत में 13 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो सकती है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन मंजूरी मिलने के 10 दिन बाद रोलआउट हो सकती है। बता दें वैक्सीन को डीसीजीआई ने 3 जनवरी मंजूरी दी थी। ऐसे में 13 या 14 जनवरी से देश में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो सकता है। 

भारत ने बनाईं हैं यह दो वैक्सीन 

1- कोविशील्ड : कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने बनाया है। ब्रिटेन, अर्जेंटीना और स्लावाडोर के बाद भारत चौथा देश है, जिसने कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है। कोविशील्ड को भारत की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है। सीरम का दावा है कि कंपनी पहले ही 5 करोड़ डोज बना चुकी है। वहीं, कंपनी के 5-6 करोड़ वैक्सीन हर महीने बनाने की क्षमता है। 

2- कोवैक्सिन : कोवैक्सिन को हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने तैयार किया है। कोवैक्सिन को कोरोनोवायरस के कणों का इस्तेमाल करके बनाया गया है, जो उन्हें संक्रमित या दोहराने में असमर्थ बनाते हैं। इन कणों की विशेष खुराक इंजेक्ट करने से शरीर में मृत वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करके इम्यून का निर्माण होता है।

Share this article
click me!

Latest Videos

जौनपुर में कब्रिस्तान के बीचो-बीच शिवलिंग, 150 या 20 साल क्या है पूरी कहानी? । Jaunpur Shivling
मोहन भागवत के बयान पर क्यों बिफरे संत, क्या है नाराजगी की वजह । Mohan Bhagwat
'अब पानी की नो टेंशन' Delhi Election 2025 को लेकर Kejriwal ने किया तीसरा बड़ा ऐलान
LIVE🔴: अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 'अटल युवा महाकुम्भ' का उद्घाटन
बांग्लादेश की अपील से कैसे बच सकती हैं शेख हसीना? ये है आसान रास्ता । Sheikh Hasina