MP में बड़े बदलाव की तैयारी: शिवराज के सामने 2 चुनौतियां, क्या फिर बढ़ेगा ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक दिन का भोपाल दौरा किया था। वहीं, इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर दौरे में कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की थी। संगठन ने भी कैबिनेट विस्तार को लेकर हरी झंडी दे दी है। 

Pawan Tiwari | Published : Aug 29, 2022 3:13 AM IST

भोपाल. मध्यप्रदेश में अमित शाह के दौरे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात के बाद सियासी हलचलें तेज हैं। राज्य में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन नगरीय निकाय चुनाव में कई सीटों पर बीजेपी की हार के बाद राज्य में जल्द ही कैबिनेट विस्तार हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सीएम शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट विस्तार को लेकर जल्द ही दिल्ली में पीएम मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं। कैबिनेट विस्तार, 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है इसमें क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा। शिवराज सिंह चौहान के सामने दो सबसे बड़ी चुनौतियां है जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण को साधना। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के कद पर फैसला लिया जाएगा।  

विंध्य और महाकौशल होगा फोकस
2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें विंध्य क्षेत्र से जीती थीं लेकिन शिवराज सिंह चौहान की मौजूदा कैबिनेट में इस क्षेत्र को सही प्रतिनिधित्व नहीं मिला वहीं, हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विंध्य क्षेत्र से ही हैं। रीवा में मेयर की सीट भी बीजेपी के हाथों से निकल गई है।  ऐसे में इस क्षेत्र पर फोकस किया जा सकता है। जतिगत समीकरण बैठाने के लिए कई युवा विधायकों को शिवराज कैबिनेट में जगह मिल सकती है। 

Latest Videos

महाकौशल से कोई कैबिनेट मंत्री नहीं
जबलपुर मेयर की सीट भी बीजेपी के हाथों से फिसल गई। यहां से बीजेपी ने संघ की पसंद के कैंडिडेट को टिकट दिया था लेकिन इसके बाद भी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, कटनी में भी बीजेपी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। इस पूरे क्षेत्र से कोई भी कैबिनेट मंत्री नहीं हैं। इस क्षेत्र से अभी एक ही राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2023 को ध्यान में रखते हुए यहां  के विधायकों को मौका दिया जा सकता है। 

सिंधिया का कद बढ़ेगा या घटेगा?
शिवराज कैबिनेट में अभी सबसे ज्यादा दबदबा सिंधिया खेमे का है। 2018 में कम सीटें जीताने वाले ग्वालियर-चंबल से इस समय सबसे ज्यादा मंत्री हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्रियों की छुट्टी होगी या फिर उनके विभाग बदले जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, चुनाव से पहले किसी भी मंत्री को घटाकर शिवराज सरकार जनता के लिए गलत मैसेज नहीं देना चाहती है। वहीं, रहात की बात ये है कि अभी 4 मंत्रियों की जगह खाली है मतलब बिना कोई मंत्री घटाए राज्य में 4 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में सिंधिया खेमे के मंत्रियों के छुट्टी की संभावना कम है। लेकिन क्षेत्रीय समीकरण बराबर करने के लिए कई मंत्रियों की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। 

बदले जा सकते हैं विभाग
कैबिनेट विस्तार के लिए संगठन की तरफ से हरी झंडी करीब एक महीने पहले मिल गई है। इसके बाद से सभी मंत्रियों की परफॉर्मर रिपोर्ट तैयार की गई है। जिन मंत्रियों की परफॉर्मर अच्छी नहीं है उनकी छुट्टी हो सकती है या फिर उनके विभाग में बदलाव किया जा सकता है। नगरीय निकाय चुनाव में मेयर की सीट जिताने की जिम्मेदारी मंत्रियों के साथ विधायकों को भी दी गई थी लेकिन ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा और रीवा जैसी सीटों पर हार के बाद अब संगठन फेरबदल की तैयारी में है।

जातिगत समीकरण पर होगा फोकस
शिवराज कैबिनेट ने चौथी पारी में कई सीनियर मंत्रियों को जगह नहीं मिली थी जिस कारण से कई विधायकों में नाराजगी थी। मंत्रिमंडल की अटकलों के बीच एक बार फिर से विधायकों ने अपने-अपने दावे हाईकमान के सामने पेश किया है। लेकिन शिवराज के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी जातिगत समीकरण का संतुलन बनाना। आदिवासी वर्ग के नेता को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।

इसे भी पढ़ें-  आशिकी में दीवानी हुई दो बच्चों की मां: प्रेमी के साथ पहुंची थाने, कहा-इसके बिना मर जाऊंगी, ये मेरा जीवन साथी

Share this article
click me!

Latest Videos

आगे-पीछे पुलिस करती रही एस्कॉर्ट, उप मुख्यमंत्री का बेटा बनाता रहा रील-Video Viral
दिल का दौरा पड़ते ही करें 6 काम, बच जाएगी पेशेंट की जान #Shorts
शर्म नहीं आती, बाहर आओ...जबरदस्त एक्शन में IAS टीना डाबी-वीडियो वायरल
रोचक किस्साः गुजरात के भैंसों का कमाल, ब्राजील हो गया मालामाल
थाने में चीखती रही कैप्टन की मंगेतर और पुलिस वाले ने फाड़ दिए कपड़े, की अश्लीलता!