भोपाल, मध्य प्रदेश. यह तस्वीर हैरान करती है। कोरोना ने एक बेटे को इतना डरा दिया कि वो अपने पिता को मुखाग्नि देने तक आगे नहीं आया। वो 50 मीटर दूर खड़े होकर चिता को देखते रहा। उसके आंसू निकलते रहे, लेकिन अफसरों के काफी समझाने के बावजूद उसने अपने बेटा होने का फर्ज नहीं निभाया। बेटा ही नहीं, मृतक की पत्नी भी दूर नजर आई। आखिरकार तहसीलदार ने मानवीयता दिखाते हुए इस अपने लिए अनजान बुजुर्ग को मुखाग्नि दी। इस बुजुर्ग की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। पत्नी ने प्रशासन से कह दिया कि उन्हें पीपीई किट पहनना और उतारना नहीं आती। वे अपने पति को खो चुकी हैं, अब बेटे के साथ कुछ अनहोनी होते नहीं देख सकतीं। महिला ने तहसीलदार से कहा कि आप भी हमारे बेटे जैसे हो, आप ही मेरे पति का अंतिम संस्कार कर दें। जब तमाम कोशिशों के बावजूद परिवार नहीं माना, तो तहसीलदार गुलाबसिंह बघेल ने बुजुर्ग का विधिवत तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया। पढ़िए कोरोना ने रिश्तों को कैसे तार-तार कर दिया है..