लॉक डाउन में जी-जान से ड्यूटी करता रहा पिता, इधर 14 साल की बेटी ने इलाज के अभाव में तोड़ा दम

मध्य प्रदेश के दमोह में लॉक डाउन के दौरान एक पुलिसकर्मी के बेटी की मौत का भावुक करने वाला मामला सामने आया है। पिता इसके लिए खुद को कोस रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 30, 2020 11:10 AM IST / Updated: Mar 30 2020, 04:41 PM IST

दमोह, मध्य प्रदेश. यह तस्वीर लॉक डाउन के दौरान अपने घर-परिवार की फिक्र छोड़कर मुस्तैदी से ड्यूटी पर डटे एक पुलिसकर्मी का दर्द दिखाती है। यह पुलिसकर्मी पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करता रहा, लेकिन अफसरों के कड़े रुख के चलते उसे अपनी 14 साल की बेटी को खोना पड़ गया। बेटी बीमार थी।

इस पिता ने अपने अफसरों के सामने दो बातें रखी थीं। पहली, उसे बेटी के इलाज के लिए छुट्टी दी जाए। दूसरी, अगर छुट्टी नहीं, तो शहर में ही उसकी ड्यूटी लगा दी जाए, जिससे वो बेटी का इलाज करा सके। अफसरों ने दोनों बातें खारिज की दीं। बेटी का ठीक से इलाज नहीं हो पाया और उसने दम तोड़ दिया। जब यह पिता पोस्टमार्टम रूम में बेटी के शव के लिए बैठा था, तब एकदम खामोश था। आंखों में आंसू थे। बार-बार खुद को कोस रहा था कि वो अपनी बेटी का ठीक से इलाज भी नहीं कर सका।

बीमारी का पता लगाने कराया गया पोसटमार्टम..
पुलिस लाइन में रहने वाले कांस्टेबल श्रीराम जारोलिया की 14 वर्षीय बेटी राधिका को रविवार की सुबह हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उसे कांस्टेबल की पत्नी शीला और बेटा हिमांशु लेकर आया था। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बताते हैं कि राधिका को 15-20 दिनों से सर्दी-जुकाम था। इसका इलाज कराया गया, तो वो ठीक हो गई। उस समय भी कांस्टेबल को छुट्टी नहीं मिल पाई थी। शुक्रवार सुबह राधिका की तबीयत फिर बिगड़ गई। तब कांस्टेबल की ड्यूटी गढ़ाकोटा सीमा में लगी थी। इस वजह से वो बेटी को लेकर हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाया। जब कांस्टेबल हॉस्पिटल पहुंचा, तब तक बेटी दम तोड़ चुकी थी। बीमारी का पता लगाने उसका पोस्टमार्टम कराया गया।

बहन की मौत पर भाई को लगा सदमा

राधिका की मौत की खबर सुनकर भाई हिमांशु को गहरा सदमा लगा। उसकी भी तबीयत खराब हो गई। कांस्टेबल के तीन बच्चे हैं। एक सबसे छोटी बेटी और है। कांस्टेबल ने कहा कि उसने अफसरों को बेटी की तबीयत के बारे में बताया था, लेकिन किसी ने उसकी एक बात नहीं सुनी।

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