दिवाली पर दुकानदार बने BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय, अपनी किराने की दुकान पर ग्राहकों को यूं सामान बेचते आए नजर

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय धनतेरस और दिवाली पर अपनी पैतृक इंदौर में किराने  की दुकान पर ग्राहकों को सामान बेचते नजर आए। यहां वह बाकाएदा एक दुकानदार की तरह ग्राहकों से बात की।

Arvind Raghuwanshi | Published : Oct 24, 2022 3:13 AM IST / Updated: Oct 24 2022, 08:52 AM IST

इंदौर. पूरे देश में दीवाली के पावन पर्व का जश्न है, हर कोई इस साल के सबसे बड़े सेलिब्रेशन को धूमधाम से सेलिब्रेट कर रहा है। इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश में पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में अपनी पुश्तैनी किराना दुकान पर बैठकर ग्राहकों को सामान बेचते नजर आए। वह हर साल दीपावली जैसे त्यौहार के पहले धनतेरस और उसके बाद रूप चौदस के दिन अपनी दुकान पर परंपरागत ढंग से बैठ कर किराना कारोबारी के रूप में दिखते हैं।

ग्राहकों को सामान देते नजर आए नेताजी
दरअसल, आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के नंदानगर में उनकी मां के समय की सालों पुरानी किराने की दुकान है। दिवाली के त्योहार पर वह एक राजनेता के रूप में नहीं बल्कि एक दुकानदार बन जाते हैं। यहां बैठकर बकायदा, जिस तरह से किराना दुकान संचालक अपनी दुकान पर आने वाले उपभोक्ताओं को किराने का समान देते हैं।

मां के साथ बचपन में दुकान पर जाते थे विजयवर्गीय 
 कैलाश विजयवर्गीय जिस वक्त राजनीति में नहीं थे तो उस दौरान अपने माता-पिता के साथ अपनी दुकान पर ग्राहकों को सामान बेंचते थे। उनकी मां यह दुकान चलाया करती थीं। विजयवर्गीय की माता जी को इलाके के लोग काकीजी से सम्बोधित करते थे तो उस दुकान का नाम काकी जी हो गया। विजयवर्गीय मां के साथ से लेकर अभी तक वह त्योहारों के समय मौका मिलता है तो वह अपनी दुकान पर बैठना नहीं भूलते हैं।

राहुल गांधी पर किया जमकर हमला
बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय ने दुकान से ही अपने ग्राहकों को इंदौर की जनता को संबोंधिक किया। सबसे पहले उन्होंने भारत-पाकिस्तान मैच मुकाबले में हुई भारत की जीत पर सभी को बधाई दी। इसके बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उनके मंदिर जाने के मामले पर  कहा- 'राहुल गांधी मंदिर से तिलक लगाकर निकलते हैं और मस्जिद जाते हैं तो सबसे पहले तिलक धोते हैं। हमने देखा है यह उनका नौटंकी है और हमारे देश के प्रधानमंत्री से तुलना करें तो वह जहां जाते है वहीं जाते हैं, जहां जाना चाहिए वहीं जाते हैं.'।

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