
जयपुर, राजस्थान. मातृभूमि पर मर-मिटने का एक अलग ही जज्बा होता है। जयपुर के रहने वाले शहीद राजीव कुमार शेखावत का सोमवार को उनके 10 साल के बेटे अधिराज सिंह ने अंतिम संस्कार किया। अपने पिता को देखकर रोते हुए भी बच्चे ने कहा कि वो पापा की तरह सेना में जाना चाहेगा। वो पाकिस्तान को सबक जरूर सिखाएगा। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जबर्दस्त गोलीबारी की थी। इसमें लुहाकना खुर्द का लांस नायक राजीव सिंह शेखावत शहीद हो गए थे। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। अपने जन्मदिन के 8 दिन पहले यह बहादुर यौद्धा मातृभूमि पर मर-मिटा था। करीब 17 साल की देशसेवा के बाद यह जांबाज अगले साल रिटायर होने वाला था। सैनिक ने अपने दोस्तों से प्रॉमिस किया था कि रिटायरमेंट की जबर्दस्त पार्टी देगा। उधर, पत्नी को भी इंतजार था कि पति के जन्मदिन पर वो कुछ खास करेगी। होली पर कुछ अलग तरह का रंग जमाएगी, लेकिन सब खत्म हो गया। हालांकि परिवार को फक्र है कि वो उसने देश पर अपनी जान न्यौछावर की है।
राजीव शेखावत वर्ष, 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। वे इन दिनों 5 राजपूत ग्रुप में नायक के पद पर तैनात थे। राजीव हाल में छुट्टियां खत्म करके ड्यूटी पर लौटे थे। वे दिसंबर में लीव पर आए थे, जबकि 8 जनवरी को लौट गए थे। अभी वो देगवार सेक्टर में एक अग्रिम चौकी में तैनात थे।
रविवार को जैसे ही राजीव शेखावत के शहीद होने की खबर घर पहुंची..पूरा मोहल्ला गमगीन हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनकी वीरता को सलाम करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया। राजीव जनवरी में ही श्रीगंगानगर से जम्मू कश्मीर में तैनात हुए थे। वे अपने परिवार में इकलौते बेटे थे। उनकी एक बड़ी बहन सीमा कंवर है।
रविवार को जैसे ही राजीव शेखावत के शहीद होने की खबर घर पहुंची..पूरा मोहल्ला गमगीन हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनकी वीरता को सलाम करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया। शहीद के परिजनों से मिलने पहुंचे सांसद कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ भी शहीद के परिजनों से मिले। बताया जाता है कि गांव में 14 फरवरी को नवनिर्मित सीताराम मंदिर में भव्य धार्मिक आयोजन रखा गया था। अब उसे स्थगित कर दिया गया है। शहीद की पत्नी उषा देवी गृहणी हैं। शहीद के पिता शंकर सिंह भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। शहीद के दोस्त भगवत सिंह के मुताबिक, राजीव जुनूनी था। वो जो ठान लेता था, कर गुजरता था।
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