जिंदगी बचाने वाले अस्पताल में चंद रुपयों की लालच में लगता रहा ‘मौत का इंजेक्शन’

पुलिस के अनुसार सरबजीत ने रैकेट के माध्यम से इंदौर से जबलपुर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाए। करीब 500 की संख्या में यह इंजेक्शन अस्पताल में ही खपा दिया गया। इस इंजेक्शन के लिए मरीजोें से मोटी रकम वसूली गई।

Asianet News Hindi | Published : May 10, 2021 1:30 PM IST / Updated: May 10 2021, 08:13 PM IST

जबलपुर (मध्य प्रदेश).  कोरोना महामारी से हर ओर हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन कइयों के लिए यह ‘अवसर’ बन गया है। चंद रुपयों के लिए एक अस्पताल संचालक ने अपने अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों को रेमडेसिविर का नकदी इंजेक्शन लगवा दिया। जीवन रक्षक इंजेक्शन के नाम पर 500 नकली इंजेक्शन लगा दिए गए जो कई मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हुआ। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन रैकेट के एक सदस्य के पकड़े जाने पर अस्पताल संचालक का नाम सामने आया है। जबलपुर का यह अस्पताल संचालक फरार है।

जबलपुर के सिटी अस्पताल का मामला

जबलपुर का प्राइवेट सिटी अस्पताल कोविड मरीजों को भी भर्ती कर इलाज कर रहा है। इस अस्पताल में अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में इंदौर से करीब 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाए गए थे। यह इंजेक्शन अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने मंगाए थे। कुछ दिनों पूर्व इंजेक्शन सप्लाई करने वाले एक गिरोह पकड़ा गया तो अरेस्ट हुए व्यक्ति ने सारा राज खोला।

कई राज्यों में नकली इंजेक्शन रैकेट के सदस्य सक्रिय

दरअसल, गुजरात पुलिस ने कुछ दिन पूर्व नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया था। इस रैकेट के सदस्य सपन जैन ने पुलिस की पूछताछ में जबलपुर के अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम भी लिया था। पुलिस की जांच में पता चला कि सरबजीत ने पांच सौ इंजेक्शन अपने अस्पताल में खपत की है। 

इंदौर से जबलपुर भेजा गया था नकली इंजेक्शन

पुलिस के अनुसार सरबजीत ने रैकेट के माध्यम से इंदौर से जबलपुर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाए। करीब 500 की संख्या में यह इंजेक्शन अस्पताल में ही खपा दिया गया। इस इंजेक्शन के लिए मरीजोें से मोटी रकम वसूली गई।

कोविड मरीजों के लिए जानलेवा साबित हुआ इंजेक्शन

जबलपुर में स्थित आरोपी सरबजीत के अस्पताल में 500 इंजेक्शन का ही इस्तेमाल हुआ या इससे अधिक भी मंगाए गए यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगा लेकिन इस नकली इंजेक्शन ने कई मरीजों की जान ले ली। कोविड के गंभीर पेशेंट्स को रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाता है। लेकिन जीवनरक्षक इंजेक्शन के नाम पर चंद रुपयों की कथित अस्पताल संचालक ने मौत का इंजेक्शन लगवा दिया। 

फरार है अस्पताल संचालक

हालांकि, मामला सामने आने के बाद पुलिस ने संचालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं। 

कौन है सरबजीत मोखा

स्थानीय लोगों के अनुसार अस्पताल संचालक सरबजीत मोखा रेलवे में नौकरी किया करता था। यहां किन्हीं आरोपों की वजह से नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद वह प्रापर्टी डीलिंग का काम करने लगा। प्रापर्टी डीलिंग में हाथ आजमाने के दौरान उसका सामाजिक व राजनीतिक रसूख भी बढ़ा। वह राजनीतिक गतिविधियों में भी सक्रिय हो गया। इसी दौरान उसने शहर में एक अस्पताल बनवाया। अस्पताल संचालन के अलावा वह प्रापर्टी के कामों में लगा रहा। आरोप है कि वह सरकारी जमीनों पर भी कब्जा करके बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स खड़ा कर लिया है। 

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