गुजरात के अहमदाबाद में आज यानी मंगलवार से सड़कों के किनारे अंडे और नॉनवेज (non vegetarian) के स्टॉल पर बैन लगा दिया गया है। इन दुकानों में धार्मिक स्थानों और सार्वजनिक रोड शामिल हैं। अब यहां सड़कों के किनारे मांसाहारी दुकानें नहीं दिखाई देंगी। इस संबंध में अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने पाबंदी लगा दी है।
अहमदाबाद। अहमदाबाद महानगर पालिका (AMC) ने आज यानी मंगलवार से सड़कों के किनारे मांसाहारी भोजन बेचने वाले स्टॉल पर प्रतिबंध लगा दिया है। AMC की टाउन प्लानिंग कमेटी ने आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा है कि स्कूल-कॉलेजों और धार्मिक स्थानों से 100 मीटर के दायरे में आने वाली सार्वजनिक सड़कों के किनारे मांसाहारी भोजन (non vegetarian) बेचने वाले स्टॉलों को अनुमति नहीं दी जाएगी। टाउन प्लानिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी ने बताया कि यह प्रतिबंध मंगलवार से लागू हो जाएगा। उनका कहना था कि शहर के लोगों की तरफ से इन स्टॉल को लेकर शिकायतें आ रही थीं। इसके बाद प्लानिंग समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
अब अहमदाबाद शहर में स्कूल, कॉलेज, कम्युनिटी हॉल, मंदिर के पास अंडे और नॉनवेज नहीं बेचे जा सकेंगे। 16 नवंबर से अहमदाबाद में यह निर्णय लागू होगा। गुजरात में इससे पहले भावनगर, जूनागढ़ , राजकोट और बड़ोदा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने धार्मिक स्थलों के आसपास और सार्वजनिक मार्गों पर नॉनवेज और अंडे की दुकान नहीं लगाने के आदेश दिए गए थे।
ये पत्र भी लिखा गया था...
बता दें कि अहमदाबाद नगर निगम से सड़क किनारे मांसाहार की बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। राजस्व समिति के अध्यक्ष जैनिक वकील ने दो दिन पहले नगर निगम के कमिश्नर और स्टैंडिंग कमिटी को पत्र लिखकर सड़कों पर मांसाहारी भोजन की बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उन्होंने लिखा था- हाल के दिनों में सार्वजनिक स्थलों पर मांस, मटन और मछली की बिक्री के चलते नागरिक सड़कों पर नहीं जा सकते हैं। साथ ही यहां के निवासियों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची है। ऊपर से स्वच्छता, जीव दया और अपनी संस्कृति का पालन करने के लिए यह पाबंदी लगाना जरूरी हो गया है।
मुख्यमंत्री बोले- हमें खाने से नहीं, व्यवस्थाओं से दिक्कत
इस प्रतिबंध को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि लोग अपनी इच्छा के अनुसार कुछ भी खाने के लिए स्वतंत्र हैं। सीएम ने कहा- यह शाकाहारी या मांसाहारी होने का सवाल नहीं है। लोग जो चाहें वह खाने के लिए आजाद हैं। लेकिन स्टॉल पर बिक रहा खाना नुकसानदायक नहीं होना चाहिए और यातायात बाधित नहीं होना चाहिए। पटेल ने कहा कि उन स्टॉल के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है जो खराब गुणवत्ता का भोजन बेच रहे होंगे या फिर यातायात व्यवस्था में बाधा पहुंचा रहे होंगे। उन्होंने कहा- कुछ लोग शाकाहारी भोजन करते हैं और कुछ मांसाहारी, भाजपा सरकार को इससे कोई समस्या नहीं है। हमारी चिंता सिर्फ इन स्थानों पर मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर है।
राजकोट और वडोदरा में भी पाबंदी
इससे पहले राजकोट म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने खुले में नॉनवेज या अंडा बेचने पर पाबंदी लगाई तो वडोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने भी खुले में इसकी बिक्री पर पाबंदी लगा दी। दोनों नगर निगम की तरफ से कहा गया था कि खुले में नॉनवेज बेचने वालों के साथ ही इसका सेवन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। वडोदरा नगर निगम (VMC) की स्थायी समिति के अध्यक्ष हितेंद्र पटेल ने गुरुवार को कहा था कि यदि वे (रेहड़ी वाले) वस्तुओं को ठीक से कवर करने में विफल रहते हैं तो सड़क के किनारे सभी मांसाहारी खाद्य स्टालों को हटा दिया जाए।
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