फिल्मी है इस पति की लव स्टोरी, नहीं देखी गई पत्नी की बेवफाई..दिल से लिया फैसला और बचा लीं 3 जिंदगी

 राजधानी भोपाल के फैमिली कोर्ट में एक रोचक मामला सामने आया है। जहां एक पति अपनी शादी के 6 महीने बाद ही इसलिए तलाक ले रहा है। ताकि उसकी पत्नी अपने प्रेमी के साथ जिंदगीभर खुशी-खशी साथ रह सके।

Prabhanshu Ranjan | Published : Jan 7, 2020 7:51 AM IST / Updated: Jan 07 2020, 02:36 PM IST

भोपाल. (मध्य प्रदेश). तलाक की खबरें तो आपने बहुत सुनी होंगी। लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया जिसे जानकर आपको संजय लीला भंसाली की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' की याद आ जाएगी। पहले तो हैरानी होगी, फिर सच्चाई जान पति की तारीफ करेंगे।

सिंदूर पति के नाम का, दिल में प्रेमी...
दरअसल, यह मामला राजधानी भोपाल के फैमिली कोर्ट में आया है। जहां रेलवे में नौकरी करने वाले अधिकारी ने अदालत में जज से कहा- सर मैं अपनी पत्नी को इसलिए तलाक दे रहा है कि वह अपने प्रेमी के साथ जिंदगीभर साथ रह सके। क्योंकि वह सिंदूर पति के नाम का लगाती है। लेकिन उसके दिल में अभी भी शादी से पहले का बॉयफ्रेंड ही है। जिसको वह कभी भूल ही नहीं पाई। इसलिए मैं उसको उससे प्यार से मिलवाने का निर्णय लिया।

6 महीने पहले हुई थी शादी...
बता दें कि इस युवक की शादी साल 2019 में जुलाई महीने में भोपाल शहर में हुई थी। लेकिन वह पत्नी का दिल नहीं जीत पाया। कुछ दिन बाद ही उसकी पत्नी ने कहा-मैं किसी और से प्यार करती हूं। क्या आप मुझको उससे मिलवा सकते हैं। क्योंकि वह आज भी अपनी प्रेमी से उतना ही प्यार करती है, जितना वो शादी से पहले करती थी। 

महिला ने बताई अपनी लव स्टोरी...
काउंसिलिंग के दौरान महिला ने कहा-वह शादी से पहले एक निजी कंपनी में जॉब करती थी। वहीं उसकी मुलाकात साथ नौकरी करने वाले युवक से हुई। पहले हम दोनों सिर्फ दोस्त थे, फिर एक-दूसरे से प्यार करने लगे। जब हमने शादी करने का सोचा तो मेरे पापा ने मना कर दिया। कहने लगे की लड़का प्राइवेट नौकरी करता है, इसलिए तुम्हारी शादी किसी सरकारी कर्मचारी से ही होगी और रेलवे में काम करने वाले एक अफसर से मेरा विवाह करवा दिया। फिर मैंने यह बात अपने पति को बताते हुए कहा- जो मेरे माता-पिता ने मेरे लिए नहीं किया क्या आप मेरे लिए कर सकते हो। तो वह इसके लिए तैयार हो गए। हम दोनों ने तलाक के इस मामले को अभी अपने-अपने घरवालों को नहीं बताया है। हालांकि यह मामला फिलहाल न्यायदीश के प्रधान  आरएन चंद की अदालत में विचाराधीन है।

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