मैं इंसान बुरा नहीं था...बस हालात ऐसे हो गए-जीने की ख्वाहिश थी, वापस आऊंगा, लिख-पूरे परिवार को खत्म कर मर गया

ऑनलाइन ऐप से लोन लेकर किश्तें नहीं चुकाने पर इंदौर के एक इंजीनियर अमित यादव ने अपने पूरे परिवार को मारकर आत्महत्या कर ली। अब उसका सुसाइड नोट सामने आया है। जिसमें मरने की वजह लिखी है। साथ लिखा-मैं आदमी बुरा नहीं था, बस हालात बुरे बन गए...इसलिए जा रहा हूं।

Arvind Raghuwanshi | Published : Aug 24, 2022 9:55 AM IST / Updated: Aug 24 2022, 03:32 PM IST

इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में अपने हंसते-खेलते दो बच्चों और पत्नी की हत्या करने के बाद खुद भी आत्महत्या करने वाले अमित यादव का अब सुसाइड नोट सामने आया है। जो बेहद ही इमोशनल है, जिसे पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो गईं। लिखा-''मेरी जीने की ख्वाहिश थी, लेकिन हालात ऐसे बन गए की चाहकर भी जी नहीं सका। लेकिन मैं वापस आऊंगा, मेरी यही मर्जी है कि तो बड़ा आदमी बने भाई''।

मैं आदमी बुरा नहीं था...लेकिन हालात बुरे बन गए....
सुसाइड के जरिए अमित ने लिखा-मैं आदमी बुरा नहीं था, लेकिन हालात बुरे हो गई तो मरना पड़ा। इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। मैंने कई ऑनलाइन लोन लिए थे, जिनकी किस्त अब में नहीं भर पाया हूं। किसी का पैसा नहीं दूगा तो मेरी बदनामी होगी। बस इसी डर से यह कदम उठाने जा रहा हूं। पुलिस से निवेदन है कि मेरे मरने के बाद परिवार को परेशान नहीं करना।  

मैं मेरे भाई और मां-बाप से बहुत प्यार करता हूं....
अमित ने लिखा-लोन पैन कार्ड पर होता है, अगर पैन कार्ड धारक मर जाता है तो लोन का कोई अस्तित्व नहीं रहता, मेरे लोन को किसी को भरने की जरूरत नहीं है, मैं मेरे भाई और मां-बाप से बहुत प्यार करता हूं, आपस में घर वाले न लड़े यही मेरी आखिरी इच्छा है, यह चिट्ठी मेरे घर वालों को जरूर पढ़ाया जाए।

मजबूर होकर मासूम बच्चों को मार दिया
दरअसल,  पेशे से इंजीनियर अमित यादव ने सोमवार को ऑनलाइन ऐप से ली लोन की किस्त नहीं चुकाने से दुखी होकर अपना बसा-बसाया परिवार खत्म कर दिया। पहले अपनी पत्नी टीना यादव और तीन साल की बेटी याना व डेढ़ साल के बेटे दिव्यांश को जहर दे दिया। फिर खुद ने भी आत्महत्या कर ली। अब पुलिस के हाथ जो सुसाइड नोट लगा है वह उसने आत्महत्या करने से एक-दो दिन पहले लिखा है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तक पहुंचा मामला
इस घटना के बाद इंदौर के पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। क्योंकी मामला प्रदेश के  गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तक पहुंच गया है। गृहमंत्री ने दुख जताते हुए, इंदौर पुलिस कमिश्नर को मामले की जांच करने और जिस एप के जिरए लोन लिया था उसके के भी जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, यदि एप लोन के तरीके आपत्तिजनक मिले तो कार्रवाई की जाएगी।

मां ने जब फोन किया तो खत्म हो चुका था पूरा परिवार
बता दें कि मृतक अमित यादव मूल रूप से सागर का रहने वाला था। वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ भागीरतपुर में किराए से रहता था। अमित मोबाइल टावर कंपनी में इलेक्ट्रिक इंजीनियर था। घटना वाले दिन अमित की मां ने उसे फोन किया, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया तो मां ने अमित के मालिक केदरानाथ को फोन कर बेटे से बात कराने को कहा। जब मकान मालिक वहां पहुंचे तो दरवाजा बंद था, इसके बाद उन्होंने आवाज लगाई फिर भी गेट नहीं खुला। इसके बाद पुलिस को सूचित कर बुलाया गया।

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