बंगाल की शेरनी को चैलेंज करने वाले भाजपा के ये नेता जब इंदौर के मेयर बने थे, तब सामने आई थी चौंकाने वाली बात

Published : Mar 02, 2020, 06:01 PM IST
बंगाल की शेरनी को चैलेंज करने वाले भाजपा के ये नेता जब  इंदौर के मेयर बने थे, तब सामने आई थी चौंकाने वाली बात

सार

CAA और NRC के मुद्दे पर बंगाल की शेरनी कही जाने वालीं ममता बनर्जी को चैलेंज करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पिछले 20 सालों से एक ज्योतिषीय समस्या से परेशान थे। अब जाकर उन्हें इससे मुक्ति मिली है।  

इंदौर, मध्य प्रदेश. CAA और NRC के मुद्दे पर बंगाल की शेरनी कही जाने वालीं ममता बनर्जी को चैलेंज करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पिछले 20 सालों से एक ज्योतिषीय समस्या के निवारण के लिए अन्न से दूर थे। अब जाकर इससे मुक्ति मिली है। यह दोष था-पितृ दोष। इसके चलते विजयवर्गीय ने 20 साल से अन्न त्यागा हुआ था। अब जाकर उनका संकल्प पूरा हुआ है। इस तरह उन्होंने अन्न ग्रहण किया। उन्होंने धर्माचार्यों की मौजूदगी में अन्न ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के मामले में विजयवर्गीय का पोहा वाला बयान काफी विवादों में आया था। इसमें विजयवर्गीय ने दावा किया था कि उन्होंने पोहा खाने के तौर-तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहचान लिया था।


इंदौर मेयर बनने पर लिया था संकल्प
यह बात वर्ष, 2000 की है। कैलाश विजयवर्गीय तब इंदौर के मेयर बने थे। उस वक्त उन्हें बताया गया था कि इंदौर पर पितृ दोष है। इसका उपाय बताया गया था कि अगर इंदौर की प्रगति में आ रही रुकावटें दूर करनी है, तो पितृ पर्वत पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करनी होगी। तब विजयवर्गीय ने संकल्प लिया था कि जब तक विश्व की सबसे ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित नहीं करा लेते, अन्न ग्रहण नहीं करेंगे। अब इंदौर के निकट पितृ पर्वत पर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित हो गई है। इस मौके पर पहुंचे विजयवर्गीय ने संकल्प पूरा करते हुए अन्न ग्रहण किया। विजयवर्गीय ने महामंडलेश्वर गुरु शरणानंदजी के आशीर्वाद से संकल्प पूरा करके अन्न ग्रहण किया।

यह है मूर्ति की खासियत
इंदौर के पितृ पर्वत पर 72 फीट ऊंची, 108 टन वजन की अष्‍टधातु की हनुमान जी की प्रतिमा स्‍थापित कर उसकी प्राण प्रतिष्‍ठा की गई है। इस मूर्ति के निर्माण पर करीब 15 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान महामंडलेश्वर जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज, संत मुरारी बापू और वृंदावन से महामंडलेश्वर गुरुशरणानंदजी महाराज मौजूद थे। इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय की पत्नी आशा ने साबूदाने आदि सामग्री से बनी चीज बनाकर लाई थीं। इन दो दशकों में इस पर्वत पर एक लाख पौधे रोपे गए, जो अब लहलहराते जंगल का रूप ले चुके हैं।

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

Z+ सिक्योरिटी में भी शिवराज सिंह चौहान की जान को खतरा, क्यों पाकिस्तान के निशाने पर?
सौतेली बेटी से बार-बार रेप, मां-बेटी का अश्लील वीडियो भी बनाया...अब आरोपी को डबल उम्रकैद