मां की गुहार पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक 11 साल की रेप पीड़िता बच्ची को गर्भपात कराने की अनुमति दी है। अदालत ने कहा है कि गर्भपात की प्रक्रिया के दौरान पूर्ण सावधानी बरती जाए।
जबलपुर (मध्यप्रदेश). मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 साल की, दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती बच्ची का गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है। इस बच्ची के साथ कथित तौर पर उसके चाचा ने दुष्कर्म किया था। सरकारी वकील अभय पांडे ने मंगलवार को बताया कि न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने इस मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए, 27 हफ्ते की गर्भवती इस बच्ची को गर्भपात कराने की अनुमति प्रदान की है।
जज ने कहा-जल्द से जल्द करा दो बच्ची का गर्भपात
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने अपने विस्तृत फैसले में कहा है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा पूरी सावधानी बरतकर जल्द से जल्द बच्ची का गर्भपात कराया जाना चाहिए। पांडे ने कहा कि इन निर्देशों के साथ अदालत ने मामले का निस्तारण कर दिया।
मां ने अपनी बेटी का गर्भपात कराने की लगाई थी गुहार
उल्लेखनीय है कि दुष्कर्म पीड़ित की मां ने अपनी बेटी के गर्भपात की अनुमति टीकमगढ़ की जिला अदालत से न मिलने पर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई और अपनी 11 साल की बच्ची का गर्भपात कराने की अनुमति मांगी। अदालत के आदेश पर पीड़िता की दो मर्तबा मेडिकल जांच करायी गई। पहली रिपोर्ट के बाद अदालत ने विशेषज्ञों की टीम से दोबारा जांच कराने के आदेश दिए।
अदालत ने दिया इस रिपोर्ट का हवाला
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में बच्ची की जांच करने वाले मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का हवाला दिया। बोर्ड का कहना था कि 11 साल की गर्भवती बच्ची का गर्भपात नहीं कराया जा सकता। हालांकि, रिपोर्ट में यह जिक्र नहीं किया गया कि गर्भपात कराने के क्या दुष्परिणाम होंगे।
मां ने कहा- बेटी के भविष्य को देखकर ये कदम उठा रही हूं...
इसके बाद पीड़िता की मां ने हलफनामा देते हुए कहा कि पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी। उन्होंने कहा कि अपनी बच्ची के भविष्य को देखकर ही वह गर्भपात कराने तैयार है। इसके बाद उच्च न्यायालय ने डीएनए सैम्पल और भ्रूण संभालकर रखने के निर्देश दिये हैं, क्योंकि बच्ची और उसकी मां ने दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी है।