मप्र में कांग्रेस सरकार के लिए टॉनिक बनकर सामने आई झाबुआ की जीत

69 साल के कांतिलाल भूरिया कांग्रेस की ओर से यह पहला विधानसभा चुनाव लड़े थे। वहीं 40 साल के भानु भूरिया का भी यह पहला विधानसभा चुनाव रहा। वे भाजपा से खड़े हुए थे।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2019 6:07 AM IST / Updated: Oct 24 2019, 04:01 PM IST

भोपाल. हरियाणा और महाराष्ट्र के साथ मप्र की झाबुआ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया और भाजपा के भानु भूरिया के बीच रहा। दोनों ही नेता आदिवासी समाज से आते हैं। यह इलेक्शन मप्र में कांग्रेस सरकार के लिए टॉनिक का काम करेगा। यहां से कांतिलाल भूरिया जीते हैं। बहरहाल, यहां पॉलिटेक्निक कॉलेज में सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई थी। उल्लेखनीय है कि भाजपा ने यहां के विधायक गुमान सिंह डामोर को लोकसभा का इलेक्शन लड़ाया था। गुमान डामोर ने कांतिलाल भूरिया को हराया था। यह सीट खाली होने के बाद यहां उपचुनाव हुआ।


तीन निर्दलीय भी मैदान में थे..
झाबुआ में 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में 62.1 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यह और बात है कि नवंबर, 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से 2.54 प्रतिशत कम वोटिंग हुई। इस बार चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के अलावा तीन निर्दलीय भाजपा के बागी कल्याणसिंह डामोर, नीलेश डामोर और रामेश्वर सिंगाड़ भी मैदान में उतरे थे। उल्लेखनीय मुख्य विधानसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया को गुमान सिंह डामोर के खिलाफ मैदान में थे। 69 साल के कांतिलाल भूरिया इस बार खुद चुनाव लड़े। वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े। वहीं 40 साल के भानु भूरिया पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े। 

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