शिवराज सिंह चौहान ने इस गांव में बिताई रात, मंजीरे बजाकर गाए भजन, ये है इसके पीछे की वजह

Published : Oct 19, 2019, 09:23 AM ISTUpdated : Oct 19, 2019, 09:46 AM IST
शिवराज सिंह चौहान ने इस गांव में बिताई रात, मंजीरे बजाकर गाए भजन, ये है इसके पीछे की वजह

सार

21 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। यहां चुनाव प्रचार शनिवार शाम 5 बजे खत्म हो जाएगा। बीजेपी के प्रत्याशी भानू भूरिया और कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया एक-दूसरे के खिलाफ यहां से चुनावी मैदान में हैं।

झाबुआ (मध्य प्रदेश). चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। वह वोट मांगने के लिए क्या-क्या नहीं करते। ऐसा ही कुछ किया है खुद को आम आदमी कहने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने। उन्होंने झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में भानु भूरिया के प्रचार के लिए आदिवासियों के बीच रात बिताई और भजन गाए व मंजीरा बजाया।  

21 अक्टूबर को होने हैं यहां चुनाव
दरअसल 21 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। झाबुआ के चुनाव प्रचार शनिवार शाम 5 बजे खत्म हो जाएगा।  बीजेपी के प्रत्याशी भानू भूरिया और कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया एक-दूसरे के खिलाफ यहां से चुनावी मैदान में हैं।

आदिवासियों के बीच रात रुके शिवराज सिंह चौहान
दोनों पार्टियों के नेता वोटरों को रिझाने के लिए वो सब कुछ कर रहें, जिससे उनका वह दिल जीत सकें। इस उप चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ऐढ़ी-चोंटी का जोर लगा रहीं हैं।  इसी के मद्देनजर शिवराज सिंह ने कांतिलाल भूरिया के गांव मोरडुंडिया में अचानक रात बिताने का कार्यक्रम तय किया। इस बीच उन्होंने यहां कई सभाएं की और रात में रुककर भजना-मंजीरा बजाए।

कमलनाथ का अचानक तय हुआ यहां आने का कार्यक्रम
शिवराज को सक्रिय देख प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का शनिवार को अचानक राणापुर में एक चुनावी रैली का कार्यक्रम तय हो गया। जानकारी के मुताबिक कमलनाथ झाबुआ से सड़क के रास्ते लोगों से मिलते हुए राणापुर जाएंगे। वह आखिरी दिन कांतिलाल भूरिया के लिए प्रचार करेंगे। यहां किसान कर्जमाफी का मुद्दा छाया हुआ है। 

एक-दूसरे के दावों को गलत साबित कर रहीं हैं दोनो पार्टियां
दोनों पार्टियां एक-दूसरे के दावों को गलत साबित करने में लगी हैं। जहां बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने किसानों को मूर्ख बनाया है, किसी का कोई कर्ज माफ नहीं किया है। वहीं शुक्रवार शाम कृषि मंत्री सचिन यादव ने ट्वीट करके दावा किया कि भानू के पिता बालू भूरिया का भी 1 लाख 21 हज़ार 900 रुपए कर्ज माफ हुआ।
 

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