कमलनाथ ने बेंगलुरू पुलिस को बताया तानाशाह, बोलेः जरूरत पड़ी तो मैं खुद बागी विधायकों से मिलने जाऊंगा

क्या आप भी कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु जा सकते हैं, यह पूछने पर कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि आवश्कता पड़ी तो मैं भी इन बंधक बनाये गये विधायकों से मिलने बेंगलुरू जाऊंगा।’’

Asianet News Hindi | Published : Mar 18, 2020 5:02 PM IST

भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो कथित रूप से ‘बंधक’ बनाए गए कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने वह भी बेंगलुरु जा सकते हैं। कमलनाथ ने बुधवार को आरोप लगाया कि बेंगलुरू में भाजपा द्वारा बंधक बनाये गये कांग्रेस विधायकों से मिलने गये कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व मध्यप्रदेश के मंत्रियों को मिलने से रोक कर उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेना पूरी तरह से तानाशाही व हिटलर शाही है।

क्या आप भी कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु जा सकते हैं, यह पूछने पर कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि आवश्कता पड़ी तो मैं भी इन बंधक बनाये गये विधायकों से मिलने बेंगलुरू जाऊंगा।’’

बागी विधायकों के हाथ में है प्रदेश की सत्ता 
मुख्यमंत्री के एक निकट सूत्र ने कहा कि बेंगलुरु जाने के लिए कमलनाथ ने पहले ही केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। कांग्रेस ने बुधवार को बेंगलुरु में ठहरे सिंधिया खेमे के अपने बागी विधायकों से मिलने के प्रयास तेज कर दिए क्योंकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार का भविष्य इन्ही विधायकों के फैसले पर टिका है। कांग्रेस में कथित विद्रोह से पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 114 विधायक थे तथा प्रदेश में कांग्रेस सरकार को चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायकों का समर्थन हासिल था।

सिर्फ 6 विधायकों के इस्तीफे हुए मंजूर 
पूर्व केन्द्रीय मंत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इनमें से केवल छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर किए जबकि 16 विधायकों के त्यागपत्र पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। छह विधायकों के त्यागपत्र के बाद कांग्रेस के विधायकों संख्या घटकर वर्तमान में 108 पर आ गई है। जबकि भाजपा के मध्यप्रदेश में 107 विधायक हैं।

16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर होते ही अल्पमत में आ जाएगी कमलनाथ सरकार 
यदि बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के 16 विधायकों के त्यागपत्र मंजूर हो जाते हैं तो सदन की प्रभावी संख्या 206 हो जाएगी और कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 92 हो जाएगी। और तब मध्यप्रदेश में बहुमत का आंकड़ा 104 का होगा। इसलिए वर्तमान कांग्रेस सरकार का भविष्य बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के बागी विधायकों के रुख पर ही निर्भर करता है।

Share this article
click me!