मध्य प्रदेश से शर्मनाक तस्वीर: मरीज चीखता रहा नहीं आई एंबुलेंस, बुलडोजर से पहुंचाया अस्पताल...

मध्यप्रदेश में सरकारी सिस्टम की पोल खोलने वाला एक और मामला सामने आया है। जो स्वास्थ्य विभाग की सच्चाई बयां कर रही है। जहां कटनी जिले में एक हादसे में घायल युवक को जब एंबुलेंस नहीं मिली तो बुलडोजर में डालकर अस्पताल पहुंचाया गया।
 

Arvind Raghuwanshi | Published : Sep 13, 2022 1:10 PM IST / Updated: Sep 13 2022, 07:29 PM IST

कटनी (मध्य प्रदेश). उत्तर प्रदेश में अपराधियों के घर तोड़ना हो तो बुलडोजर को लाया जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश में इसका इस्तेमाल एंबुलेंस के तौर पर किया जा रहा है। कटनी जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जो हेल्थ विभाग के दावों की पोल खोलते दिख रहा है। यहां जब एक घायल युवक को हादसे के बाद समय पर एंबुलेंस नहीं मिली तो उसे बुलडोजर से अस्पताल पहुंचाया गया। 

हालत बिगड़ते देख बुलडोजर को बनाया एंबुलेंस
दरअसल, यह मामला कटनी जिले के बरही थाना क्षेत्र से सामने आया है। यहां खितौली रोड पर सोमवार दोपहर दो बाइकों की आपर में भिड़ंत हो गई। जिसमें एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन काफी समय हो जाने के बाद भी कोई वाहन नहीं आया। इतना ही नहीं लोगों ने ऑटोवालों से भी मदद मांगी थी, लेकिन वो भी नहीं रुके। ऐसे में युवक की हालत बिगड़ती जा रही थी। तो फिर आनन-फानन में उसे  जेसीबी (बुलडोजर) में डालकर अस्पताल ले जाया गया।

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वो दर्द से चीखता रहा...किसी ने नहीं की मदद
बता दें कि हादसे का वीडियो एक दिन बाद यानि मंगलवार को सामने आया है। जो वायरल हो रहा है। जहां हादसे में घायल युवक महेश बर्मन (25) को बाइक एक्सीडेंट में काफी चोंटे आई हुईं हैं। वह बीच सड़क पर दर्द के मारे कराह रहा था। लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। तो वहीं पर पुष्पेंद्र विश्वकर्मा नाम के युवक की ऑटोमोबाइल की दुकान है। उनके पास जेसीबी है। उन्होंने घायल युवक को अस्पताल पहुंचाने के लिए अपनी जेसीबी लाकर खड़ी कर दी। जिसके बाद स्थानीय लोगों की सहायता से युवक को सामने वाले हिस्से (लोडिंग बकेट) में लेटाया और उसे अस्पताल लेकर गए।

कहीं खाट पर लिटाया तो कहीं हाथ ठेले पर ले जाना पड़ा...
यह कोई पहला मामला नहीं है जब समय पर एंबुलेंज नहीं पहुंची। इससे पहले भी ऐसे शर्मसार करने वाले मामले आ चुके हैं। 15 दिन पहले दमोह जिले में जब गर्भवती महिला को एंबुलेंस नहीं मिली थी तो उसका पति हाथ-ठेले पर अस्पताल लेकर गया था। वहीं दूसरा मामला मंडला जिले का है। जहां गर्भवती को खाट पर लेकर तीन किलोमीटर तक परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे।

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