यूपी के बाद MP में भी लव जिहादियों की खैर नहीं, 10 साल होगी सजा, धर्म गुरु भी जाएंगे 5 साल के लिए अंदर

लव जिहाद के खिलाफ विभिन्न राज्यों की भाजपा शासित सरकारों ने बिगुल फूंक दिया है। यूपी के नक्शे-कदम पर चलते हुए अब मध्य प्रदेश सरकार भी इसके खिलाफ अध्यादेश लाने जा रही है। इसे 28 दिसंबर को होने जा रहे शीतकालीन सत्र में पास किया जा सकता है। बता दें कि यूपी सरकार ने मंगलवार को गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश कैबिनेट में पास कर दिया। 
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 25, 2020 4:12 AM IST / Updated: Nov 26 2020, 09:09 AM IST

भोपाल, मध्य प्रदेश. धर्म की आड़ में महिलाओं के शोषण और उन्माद को रोकने विभिन्न राज्यों की भाजपा शासित सरकारें सख्त होती जा रही हैं। यूपी के नक्शे-कदम पर चलते हुए अब मध्य प्रदेश सरकार भी इसके खिलाफ अध्यादेश लाने जा रही है। इसे 28 दिसंबर को होने जा रहे शीतकालीन सत्र में पास किया जा सकता है। इस संबंध में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को अफसरों की विशेष मीटिंग बुलाई। इसमें स्वातंत्र्य अधिनियम-2020 के ड्राफ्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। इस प्रस्तावित बिल को शासन की वरिष्ठ सदस्य समिति के पास भेजा जाएगा। गृहमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा के शीतलकालीन सत्र में यह बिल सदन में पेश किया जाएगा। मीटिंग के बाद गृहमंत्री ने बताया कि धर्म स्वातंत्र्य विधेयक के ड्राफ्ट में बहला-फुसलाकर,डरा-धमकाकर धर्मांतरण के लिए विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस तरह की शादी-निकाह कराने वाले धर्म गुरुओं,काजी-मौलवी,पादरी को भी 5 साल की सजा होगी। ऐसी शादियां कराने वाली संस्थानों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा। गृहमंत्री ने बताया कि लव जिहाद के खिलाफ मप्र सरकार सख्त कानून बना रही है। इसमें दोषियों को 10 साल की सजा का प्रावधान है। पहले यह सजा 5 साल प्रस्तावित की गई थी।

जानें ड्राफ्ट में क्या-क्या है
-बहला-फुसलाकर, धमकी देकर या जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा 
-ऐसे विवाह में एक महीने पहले कलेक्टर को आवेदन करना होगा।
3. बिना परमिशन शादी या निकाह कराने वाले धर्म गुरुओं को पांच साल की सजा
-यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा
6. जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होकर कानूनी कार्रवाई होगी

लव जिहाद को लेकर सख्त हुए भाजपा सरकारों के तेवर
पहले बता दें कि मंगलवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से आहूत करने की मंजूरी दे दी थी। इसे देखते हुए सरकार इस बिल को जल्द अंतिम रूप देने की तैयारी कर रही है, ताकि कानूनी और तकनीकी तौर पर इसे पुख्ता बनाया जा सके। मप्र के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा पहले ही मांग कर चुके हैं कि बिल में कठोर सजा का प्रावधान हो। बता दें कि यूपी सरकार ने मंगलवार को गैर कानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश कैबिनेट में पास कर दिया। 

यूपी में होगी 3 साल की सजा
यूपी की योगी सरकार ने मंगलवार को गैरकानूनी धर्म परिवर्तन अध्यादेश कैबिनेट की मीटिंग में पास किया था। इसके तहत अब दूसरे धर्म में शादी करने के लिए कलेक्टर की अनुमति जरूरी होगी। ऐसा नहीं करने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा और 10 हजार रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। साथ ही नाम छुपाकर शादी करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। गैरकानूनी तरीके से शादी करने पर भी 10 साल की सजा और 15 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वहीं, सामूहिक रूप से गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन पर 10 साल की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना रखा गया है।

कश्मीरी पंडितों को सरकार दिलवाएगी उनका हक
कश्मीरी पंडितों के हक में अब मप्र सरकार भी खड़ी हो गई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कश्मीर छोड़कर मध्यप्रदेश में बसे कश्मीरी पंडितों से अपील की है कि जम्मू कश्मीर में उनकी जमीन पर अगर कब्जा है, तो वे मप्र सरकार को जानकारी दें। सरकार उन्हें उनका हक दिलवाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि रोशनी एक्ट के तहत इसकी जानकारी दी जा सकती है। बता दें कि रोशनी एक्ट के तहत जम्मू-कश्मीर में जमीन पर अतिक्रमण की एक सूची जारी की गई है। इसमें सामने आया है कि जम्मू कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उनके परिवार ने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किया है। इसके अलावा जो लोग जम्मू-कश्मीर छोड़कर गए, उनकी जमीनों पर भी कब्जा कर रखा है। यह पूरा घोटाला करीब 25000 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है। अगर सिर्फ मप्र में बसे कश्मीरी पंडितों की बात करें, तो यहां करीब 700 परिवार 1989 में जम्मू-कश्मीर छोड़कर बस गए थे।

 

 

 

 

 

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