मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित 'मुकुंदपुर सफारी' दो जानवरों के बीच पनपे प्यार के कारण सुर्खियों में है। यहां एक नर नील गाय और मादा चौसिंगा एक-दूसरे दूर नहीं रहते। जब उन्हें अलग-अलग करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने चारा-पानी छोड़ दिया। पढ़िए यह अनोखी प्रेम कहानी...
सतना. मध्य प्रदेश के सतना जिले में स्थित मुकुंदपुर सफारी सफेद बाघों के कारण देशभर में प्रसिद्ध है। हालांकि इन दिनों यह सफारी दो जानवरों के बीच पनपे प्यार के कारण सुर्खियों में है। यहां एक मादा चौसिंगा और नर नील गाय के बीच अनूठी प्रेम कहानी देखने को मिल रही है। उनके बीच इतना गहरा प्यार है कि जब सफारी मैनेजमेंट ने उन्हें अलग करने की कोशिश की, तो उन्होंने चारा-पानी छोड़ दिया। इन दोनों के बीच का प्यार देखकर सफारी मैनेजमेंट भी हैरान है।
दोनों जानवर लावारिश मिले थे
वन संरक्षक राजीव मिश्र ने बताया कि 19 नवंबर 2017 को नागौद रेंज के जंगल से महकमे को 10 दिन का मादा चौसिंगा मिला था। वो अपनी मां से बिछुड़ा हुआ था। वन विभाग उसका रेस्क्यू करके सफारी ले आया। यहां उसे बाड़े में रखा गया। यहां के केयरटेकर ने उसे दूध पिलाकर बड़ा किया। जब वो बड़ा हुआ और घास खाने लगा, तो उसका नाम पीकू रखा गया। इस घटना के ही तीन दिन बाद वन महकमे को मैहर रेंज के जंगल से एक नर नील गाय मिला था। इसे भी रेस्क्यू करके सफारी लाया गया। यहां इसका नाम राजा रखा गया। दोनों ही जानवर हम उम्र थे, इसलिए उन्हें एक ही बाड़े में रखा गया था। हालांकि बड़े होने पर दोनों को अलग-अलग बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया। दोनों बाड़ों के बीच जाली का फासला था।
व्हाइट टाइगर सफारी एंड जू के डायरेक्टर संजय रायखेड़े बताते हैं कि दिसंबर 2018 से दोनों को अलग रखने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। रायखेड़े कहते हैं कि हाल में जब पीकू और राजा को अलग बाड़े में शिफ्ट किया गया, तो उन्होंने चारा-पानी छोड़ दिया। उनकी जिंदगी पर खतरा मंडराने लगा। डॉक्टर भी कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि माजरा क्या है? आखिरकार केयर टेकर के सुझाव पर दोनों को फिर एक साथ बाड़े में रखा गया। ताज्जुब देखिए, एक ही बाड़े में आते ही दोनों फिर से मस्ती करने लगे, चारा-पानी लेने लगे। विशेषज्ञ मानते हैं कि दो अलग-अलग प्रजाति के जानवरों के बीच यह प्यार अद्भुत मामला है।