MP में 16 और 17 दिसंबर को Bank में नहीं होगा कोई काम..40 हजार कर्मचारी हड़ताल पर..सरकार से की ये मांगे

पूरे प्रदेश में  बैंक बचाओ, देश बचाओ अभियान के तहत बैंककर्मी यह विरोध करने जा रहे हैं। जिसका व्यापक असर मध्य प्रदेश में देखने को मिलेगा। 40 हजार बैंककर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण करीब 7 हजार ब्रांचों पर ताले लटके मिलेंगे। बैंकों ने 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल पर रहने का ऐलान कर दिया है। वहीं 18 और 19 को शनिवार-रविवार है। इस हिसाब से करीब 4 दिन तक बैंक संबंधित काम नहीं हो पाएंगे।

भोपाल. मध्य प्रदेश में मिड मंथ में बैंक से जुड़ कामों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि राज्य के सभी सरकारी बैंकों ने 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल पर रहने का ऐलान कर दिया है। जिसके चलते प्रदेश में करीब 40 हजार बैंककर्मी ना तो बैंक पहुंचेंगे और ना ही कोई काम करेंगे। इतना ही नहीं इन दो दिनों के लिए बैंक यूनियंस ने देशव्यापी हड़ताल बुलाई है।

लोगों को 4 दिन तक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
दरअसल, पूरे प्रदेश में  बैंक बचाओ, देश बचाओ अभियान के तहत बैंककर्मी यह विरोध करने जा रहे हैं। जिसका व्यापक असर मध्य प्रदेश में
 देखने को मिलेगा। 40 हजार बैंककर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण करीब 7 हजार ब्रांचों पर ताले लटके मिलेंगे। इतना ही नहीं  18 और 19 को शनिवार-रविवार है। शनिवार को आधा दिन काम होता है, जबकि रविवार को वैसे ही छुट्टी रहती है तो इस हिसाब से करीब 4 दिन तक बैंक संबंधित काम नहीं हो पाएंगे। जिसके चलते आम आदमी को परेशानी का सामान करना पड़ेगा।

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इन मांगों के चलते होने जा रही दो दिन की हड़ताल
मीडिया से बात करते हुए युनियंस के को-ऑर्डिनेटर वीके शर्मा और संयोजक संजीव सबलोक ने बताया कि वह  सरकार बैंकों के निजीकरण को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। जिसका पूरे देश में विरोध हो रहा है। हम हड़ताल करके सरकार को बताना चाहते हैं कि आपने बैंको का निजीकरण नहीं रोका तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं।

मोदी सरकार करने जा रही बैंकिंग नियमों में बदलाव
बता दें कि सरकारी बैंकों को निजीकरण के खतरे से बचाने की इस लड़ाई में ट्रेड यूनियन, किसान संगठन और कई राजनीतिक दलों ने भी बैंक यूनियन के साथ सरकार का विरोध जताया है। मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर देशभर के बैंक कर्मचारियों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। चर्चा है कि मोदी सरकार दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है। सरकार की मंशा इस शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लाने है। इस विधेयक के पारित होते ही केंद्र सरकार को बैंकिंग नियमों में बदलाव होगा। 

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