मंगलवार को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के सभी कुलपतियों के साथ ऑनलाइन बैठक की। जिसमें फैसला लिया गया कि कॉलेज की सभी परीक्षा ऑफलाइन कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं है। अगर कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, वह भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए परीक्षा दे सकता है।
भोपाल (मध्य प्रदेश). कोरोना के नए वैरियंट से आई महामारी की तीसरी लहर मध्य प्रदेश में कहर बरपा रही है। राज्य के चार बड़े शहर इंदौर-भोपाल और ग्वालियर-जबलपुर हॉट स्पॉट बन गए हैं। जहां रोजाना संक्रमितों की संख्या हजार से ऊपर जा रही है। प्रदेश सरकार के कड़े प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी कोरोना कम होता नहीं दिख रहा है। इसी बीच राज्य के शिक्षा विभाग ने बढ़ते संक्रमण में फैसला लिया है कि अब मध्य प्रदेश में कॉलेज-यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं ऑफलाइन ही होंगी।
पॉजिटिव छात्र 10 दिन बाद दे सकता है एग्जाम
दरअसल, मंगलवार को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के सभी कुलपतियों के साथ वर्चुअल बैठक की। जिसमें फैसला लिया गया कि कॉलेज की सभी परीक्षा ऑफलाइन कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं है। अगर कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, वह भी कोरोनाa गाइडलाइन का पालन करते हुए परीक्षा दे सकता है। उसे इसका मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा। जिसके बाद वह स्वस्थ होने पर करीब 10 दिन बाद परीक्षा में शामिल हो सकेगा। साथ ही यह भी कहा कि इससे कोई भी छात्र पेपर देने से वंचित नहीं रहेगा।
सीएम सहित कई मंत्री हुए कैबिनेट में शामिल
बता दें कि मंगलवार को मध्य प्रदेश में कैबिनटे में बैठक हुई, जिसमें सभी विभागों को मंत्री शामिल हुए, मंत्रालय में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। सबसे पहलो कोरोना समीक्षा हुई, फिर कैबिनेट में राज्य को लेकर कई फैसले भी किए गए।
आज शिवराज कैबिनेट में हुए ये अहम फैसले
-घरेलू हिंसा पीड़ित महिला को 40% तक शारीरिक क्षति होने पर 2 लाख एवं दिव्यांगता पर 4 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़" विभाग का नाम बदलकर "घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जनजाति विभाग" करने की मंजूरी मिली।
- आयुष्मान 'निरामयम' मध्यप्रदेश योजना में भोपाल गैस पीड़ितों के बच्चों को सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया।
- इस योजना में गैस पीड़ितों के बच्चों का 5 लाख तक का इलाज हो सकेगा।
- शासकीय सेवा में कार्यरत ऐसे उम्मीदवार जो प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल होते हैं, उन्हें परीक्षा में 5% अतिरिक्त अंक प्रदान करने और अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष निर्धारित किये जाने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है।
- चिकित्सा विशेषज्ञ के रिक्त पदों को भरने के लिए 25% पद अब सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाएंगे।