तीसरी लहर में ऐसा पहला केस: पॉजिटिव महिला ने दिया निगेटिव बच्ची को जन्म..ICU से आता है नवजात को मां का दूध

कोरोना की तीसरी लहर बीच एक दिछ छू लेने वाली खबर सामने आई है। जहां भोपाल के कोविड अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मां ने बेटी को जन्म दिया है। सुखद बात यह है कि नवजात बच्ची निगेटिव है और वह पूरी तरह से ठीक है। उस पर यह महामारी अपना ग्रहण नहीं लगा पाई।

Asianet News Hindi | Published : Jan 15, 2022 5:18 AM IST

भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर कहर बरपा रही है। बुजुर्गों से लेकर छोटे-छोटे बच्चे इसकी चपेट में आने लगे हैं। इतना ही नहीं, राज्य  के कई मंत्री-विधायक तक संक्रमित हो चुके हैं। लेकिन इसी बीच थर्ड वेव में एक दिछ छू लेने वाली खबर सामने आई है। जहां एक भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कोविड पॉजिटिव मां ने बेटी को जन्म दिया है। सुखद बात यह है कि नवजात बच्ची निगेटिव है और वह पूरी तरह से ठीक है। उस पर यह महामारी अपना ग्रहण नहीं लगा पाई।

दुख के बीच खुशी से झूम उठा परिवार
दरअसल, यह मामला भोपाल के हमीदिया अस्पताल के महिला कोविड से शुक्रवार देर रात सामने आया है। जहा शिवनगर की रहने वाली कोरोना संक्रमित 30 साल की बबीता ने एक बेटी को जन्म दिया है। वह पहले से संक्रमित थी, परिवार वालों से लेकर डॉक्टरों को यही डर था कि कहीं होने वाले नवजात को यह कोरोना अपनी चपेट में ना ले ले। लेकिन अब जब उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा।

डिलीवरी से पहले घबरा गया था पूरा परिवार...
बता दें कि 12 जनवरी गर्भवती बबीता को पेट में दर्द उठा था, तो आनन-फानन में परिजन उसे इंदिरा गांधी गैस राहत अस्पताल लेकर पहुंचे।  सर्दी-खांसी होने पर जब महिला की जांच की गई तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। तो पूरा परिवार घबरा गया और डॉक्टरों ने हमीदिया अस्पातल ले जाने की सलाह दी। पति प्रदीप राय किसी तरह से पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचे और कोविड गाइडलाइन के मुताबिक, डिलीवरी कराई गई।

मां आईसीयू, में तो नवजात अलग वार्ड में...
जब प्रदीप राय की पत्नी ने निगेटिव बच्चे को जन्म दिया तो पति ने कहा कि अब वह अपने बच्चे को घर ले जा सकते हैं क्या, लेकिन डॉक्टरों ने मना कर दिया। कहा कि अभी फिलहाल बच्चे को मां के दूध की ज्यादा जरुरत है, इसलिए उसे यहीं रखना पडे़गा। बता दें कि प्रसूता फिलहाल आईसीयू में भर्ती है, जबकि नवजात को अलग बच्चों के वार्ड में रखा गया है। बता दें कि तीसरी लहर में भोपाल ही नहीं, प्रदेश में ऐसा पहला केस सामने आया है, जब किसी संक्रमित महिला ने निगेटिव बच्चे को जन्म दिया है।

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