कमलनाथ ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उनपर जमकर पलटवार किया। गृह मंत्री ने तो कमलनाथ को कोरोना का नया वैरिएंट तक बता दिया।
भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है। जहां पूर्व सीएम कमलनाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दूसरे के बयानों का पर पलटवार करने में लगे हुए हैं। वहीं राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ को कोरोना का नया वैरिएंट तक बता दिया है। साथ ही कहा कि कमलनाथ मर चुके लोगों से बात कर रहे हैं और कब्रिस्तान में लाशें गिन रहे हैं।
कमलनाथ ने कोरोना से मौतों के आंकड़ों पर उठाए सवाल
दरअसल, कमलनाथ शुक्रवार को मैहर में मां शारदा की पूजा करने के लिए पहुंचे हुए थे। जहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 'राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी साल मार्च-अप्रैल में 1 लाख 27 हजार 503 लोगों की लाशें श्मशान और कब्रिस्तान पहुंचे हैं। इसमें 80 प्रतिशत मौंते कोरोना की वजह से हुई हैं। यानि एक लाख से ऊपर लोगों ने अपनी जान संक्रमण की वजह से गंवाई है। लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक कोरोना वायरस बीमारी से मरने वालों की संख्या कुछ ही हजार है। बता दें कि पिछले कई दिनों से कमलनाथ राज्य सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं।
'अब मुर्दों से भी बात करने लगे कमलनाथ'
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस झूठ बोलकर मध्य प्रदेश में आग लगाना चाहती है। येनकेन प्रकारेण प्रदेश में आग लगाओ, सरकार को बदनाम करो, कांग्रेस इस काम में लगी हुई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कल मैहर मेंअपने बयान में कह रहे हैं कि अभी मैं रामचंद्र अग्रवाल जी से मिलकर आया हूं, उन्होंने मुझे बताया कि उनकी मृत्यु नकली रेमडेसिविर से हुई है। अब मृत्यु के बाद रामचंद्र जी बता रहे हैं कि उनकी मृत्यु कैसे हुई है। यानि वह मरे हुए लोगों से मिलकर आ रहे हैं।
गृह मंत्री बोले-'कमलनाथ वेरिएंट' नया है'
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की प्रतिष्ठा पर सवाल करने वाला 'कमलनाथ वेरिएंट' नया है, जो भारत के अपमान की बात करता है। अफसोस है कि पद की लोलुपता में वह अपना पद बचाने के लिए अब देश को भी बदनाम करने से नहीं छोड़ रहे हैं।इतिहास उठाकर देखें,देश के प्रति हमेशा अपनों ने ही विश्वासघात किया है।