CM शिवराज से मुलाकात करने पहुंचे दिग्विजय सिंह, मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे यह मांग..साथ हैं कई किसान

दिग्विजय सिंह ने पिछले महीने भोपाल, राजगढ़, गुना, विदिशा आदि जिलों में डूब  प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। इस दौरान लोगों ने उनके सामने कई समस्याएं उठाई थीं। इन्हीं को लेकर वे शिवराज से मिलने का समय मांग रहे थे। सुठालिया एवं टेम परियोजना के अंतर्गत डूब में आने वाले जिलों को किसानों के  प्रतिनिधि भी उनके साथ हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 23, 2022 6:53 AM IST / Updated: Jan 23 2022, 12:28 PM IST

भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay singh) ने सीएम शिवराज सिंह चौहान (Cm shivraj singh chouhan) से मुलाकात करने के लिए आज रविवार को आज मुख्यमंत्री निवास पहुंचे हुए हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिग्विजय सीएम से मिलने का समय मांग रहे थे। बताया जा रहा है अब दोनों की मुलाकात का वक्त फाइलन हो गया है।

दिग्विजय के साथ मौजूद कई जिले के किसान
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने पिछले महीने भोपाल, राजगढ़, गुना, विदिशा आदि जिलों में डूब  प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। इस दौरान लोगों ने उनके सामने कई समस्याएं उठाई थीं। इन्हीं को लेकर वे शिवराज से मिलने का समय मांग रहे थे। सुठालिया एवं टेम परियोजना के अंतर्गत डूब में आने वाले जिलों को किसानों के  प्रतिनिधि भी उनके साथ हैं जो मुख्यमंत्री से मिलने के लिए गए हुए हैं।

कल घर के सामने धरने पर बैठने की चेतावनी 
दिग्विजय ने वीडियो में चेतावनी देते हुए कहा था कि अब मैं 21 जनवरी को सुबह 11:15 बजे उनके घर के सामने धरने पर बैठूंगा। सीएम नहीं मिलेंगे तो भी ऐतराज नहीं है। लेकिन धरने पर बैठूंगा। हालांकि वह धरने पर बैठे भी थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे गिरफ्तार करना है तो गिरफ्तार कर लीजिए, लेकिन इस प्रकार का बर्ताव आपको महंगा पड़ेगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय से मुलाकात न होने की अपडेट जानकारी मिलते ही दिग्विजय सिंह भड़क गए थे।

दिग्विजय के साथ कमलनाथ भी बैठे थे धरने पर
सीएम शिवराज का दिग्विजय सिंह के लिए मिलने के लिए मना करने के बाद शुक्रवार को प्रदेश की राजधानी भोपाल में ज़बरदस्त राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दिग्विजय सिंह के साथ आ गए और फिर दोनों  सीएम हाउस के बाहर धरने में किसानों से बात की और समस्याओं को सुनने लगे थे।

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