तो कैलाश जोशी ने नींद की वजह से छोड़ दिया था CM का पद, सोने लगे थे 20-20 घंटे

Published : Nov 24, 2019, 02:32 PM ISTUpdated : Nov 24, 2019, 04:28 PM IST
तो कैलाश जोशी ने नींद की वजह से छोड़ दिया था CM का पद, सोने लगे थे 20-20 घंटे

सार

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी का  91 साल की उम्र में निधन हो गया। जोशी ने भोपाल के एक निजी अस्पताल में सुबह 11. 25 मिनट पर अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

भोपाल. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी का  91 साल की उम्र में निधन हो गया। जोशी ने भोपाल के एक निजी अस्पताल में सुबह 11. 25 मिनट पर अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि जोशी के मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीने बाद ही उन्हें एक अजीबो-गरीब बीमारी ने घेर लिया था। जिसकी वजह से उन्हें अक्सर नींद आने लगी थी। आलम ये हो गया था कि वह  20-20 घंटे तक सोने लगे थे।  यही बीमारी उनके मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का कारण बनी।

सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद हो गए थे स्वस्थ
कैलाश जोशी की नींद की खबरों की कतरनों को लेकर उस समय हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। अखबारों की 86 कतरनों देखकर याचिका में कहा गया था कि जोशी मुख्यमंत्री पद के लिए अनफिट हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वह कहते थे कि किसी ने उनके ऊपर जादू-टोना किया है। इस वजह से उनको गहरी नींद आती है। हालांकि यह भी कहा जाता है कि जैसे ही उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने के एक हफ्ते बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो गए थे।

नींद की वजह से दौरा कर देते थे रद्द
जोशी की सोने की खबरे उस दौरान हर अखबार की हेडलाइन हुआ करती थीं। उनके बारे में यह भी कहा जाता है था कि उस वक्त अगर वहां कही दौरे पर जाते थे तो अगर रास्ते में उनको नींद आ जाती ती थी तो वह लौटकर आ जाते थे। जब कोई उनसे मिलने के लिए जाता था तो उनका स्टॉफ कह देता था मुख्यमंत्री जी अभी सो रहे हैं बाद में आना। हालांकि कुछ लोगों का कहना था, उनके विरोधियों ने उन पर कोई तांत्रिक क्रिया कराया था। जिसकी वजस से उनको नींद आने लगी थी। अखबरों में लिखा जाने लगा था, कहीं जाने के लिए घर से एयरपोर्ट के लिए निकले, रास्ते में नींद आ गई और फिर वो अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़कर घर आकर सो गए। वहीं कई राजनीतिक जानकारों का कहना था कि ये सब उनके विरोधियों ने एक प्लान के तहत अखबारों में छपवा रहे थे।

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