मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी का 91 साल की उम्र में निधन हो गया। जोशी ने भोपाल के एक निजी अस्पताल में सुबह 11. 25 मिनट पर अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश जोशी का 91 साल की उम्र में निधन हो गया। जोशी ने भोपाल के एक निजी अस्पताल में सुबह 11. 25 मिनट पर अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जोशी को सादगीपूर्ण जीवन के लिए याद किया जाता है।
प्रदेश में छा गई शोक की लहर
कैलाश जोशी के निधन से मध्य प्रदेश भाजपा में शोक की लहर छा गई है। खबर मिलते ही भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अस्पताल पहुंच गए। उनकी पार्थिव देह को भोपाल में प्रदेश भाजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- हमने एक अनमोल रत्न को खो दिया
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैलाश जोशी के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया। शिवराज सिंह ने लिखा, "आज मध्यप्रदेश ने अपने एक अनमोल रत्न को खो दिया है। गरीबों, वंचितों के उत्थान और कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन होम कर देने वाले श्रद्धेय कैलाश जोशी जी सदैव मध्य प्रदेश की जनता के दिलों में रहेंगे। प्रदेश के लाल के चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं! ॐ शांति!"
जोशी का राजनैतिक सफर
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कैलाश जोशी का जन्म 14 जुलाई, 1929 को देवास जिले की हाटपिपल्या तहसील में हुआ था। जोशी मध्य प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे, वह 24 जून 1977 से 17 जनवरी 1978 तक सीएम पद पर रहे। वे जनसंघ के समय संगठन को मध्य प्रदेश में मजबूत करने के लिए काम करते रहे। 1955 में कैलाश जोशी पहली बार हाटपीपल्या नगर पालिका अध्यक्ष रहे। इसके बाद 1962 से निरंतर देवास जिले के बागली से विधायक रहे।1951 में वे भारतीय जनसंघ संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे।
कार्यकर्ताओं ने चंदे से पैसे से गिफ्ट की थी कार
लगातार पांच बार विधायक रहे कैलाश जोशी की सादगी के कई लोग दीवाने थे। वह इतने सहज थे कि उनके पास कोई चार पहिया वाहन तक नहीं था। इसके लिए जोशी के कार्यकर्ताओं ने चंदा करके एक कार्यक्रम के दौरान एम्बेसडर कार गिफ्ट की थी। उस प्रोग्राम में अटल बिहारी वाजपेयी और विजया राजे सिंधिया भी मौजूद थीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- जोशी ने मध्यप्रदेश के विकास के लिए काम किया। उन्होंने भाजपा और जनसंघ को मध्य भारत में मजबूत बनाया। उनके परिवार और समर्थकों को