पिछले साल सितंबर में जबलपुर में आदिवासी वर्ग से जुड़े कार्यक्रम में अमित शाह शामिल हुए थे। इसके बाद 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर पीएम मोदी भोपाल पहुंचे। अब एक बार फिर केंद्रीय गृहमंत्री तेंदूपत्ता संग्राहकों के बोनस वितरण और वन समितियों के कार्यक्रम में हिस्सा लेने यहां पहुंच रहे हैं।
भोपाल : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के भोपाल (Bhopal) दौरे की सारी तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी है। 22 अप्रैल यानी शुक्रवार को शाह मध्यप्रदेश की राजधानी पहुंचेंगे। शाह यहां जंबूरी मैदान में आयोजित होने वाले तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन समेत कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में होने वाली अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान प्रोग्राम में भी वे शामिल होंगे। शाह के इस दौरे को अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री के दौरे से पहले सुरक्षा का रोडमैप भी तैयार कर लिया गया है।
ऐसा होगा शाह की सुरक्षा घेरा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे को लेकर पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा की पूरी तैयारियां कर ली है। पुलिस मुख्यालय की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है। जहां-जहां शाह जाएंगे, वहां-वहां सुरक्षा का ऐसा घेरा तैयार रहेगा कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे। किसी तरह की चूक न हो, इसकी जिम्मेदारी 20 IPS अफसरों को दी गई है। अमित शाह की सुरक्षा में पुलिस के साढ़े तीन हजार जवान तैनात किए गए हैं।
भोपाल में आठ घंटे रहेंगे अमित शाह
जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री अमित शाह भोपाल में आठ घंटे तक रहेंगे। उनकी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठकों का दौर लगातार चल रहा है। कार्यक्रम व्यवस्था के प्रभारी पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर अपनी टीम के साथ लगातार सुरक्षा का खाका तैयार कर रहे हैं। दूसरे जिलों से भी अफसरों की टीम भोपाल पहुंच चुकी है। शाह की सुरक्षा में पुलिस जवानों के साथ केंद्रीय बल भी तैयार रहेगा। सुरक्षा का पहला घेरा CRPF और NSG कमांडो का रहेगा। ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी।
शाह के दौरे के चुनावी कनेक्शन
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी की नजर यहांकी 20 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी वोटबैंक पर है। पिछले सात महीने में पार्टी के किसी बड़े नेता का यह तीसरा दौरा है। 22 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश भर से जनजातीय वर्ग के लोगों को बुलाया गया है। कार्यक्रम में आदिवासियों की संस्कृति और उनके वैभव का भी प्रदर्शन किया जाएगा। कहा जा रहा है कि शाह इस कार्यक्रम के जरिए आदिवासी वर्ग के लिए कई बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं।
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