भय्यू महाराज सुसाइड केस में तीन साल बाद फैसला, शिष्या पलक, मुख्य सेवादार विनायक, शरद दोषी, 6-6 साल की जेल

तीन साल बाद सत्र न्यायालय ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माना कि आरोपित महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे। पैसों के लिए उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता था। मजबूरी में भैय्यू जी महाराज को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।

इंदौर : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बहुचर्चित भय्यू महाराज (Bhaiyyu Maharaj) सुसाइड केस में आखिरकार तीन साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इंदौर जिला कोर्ट ने सेवादार विनायक, केयर टेकर पलक और ड्राइवर शरद को दोषी माना है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने तीनों को 6-6 साल कैद की सजा सुनाई है। मामले में सेवादार विनायक की जमानत को लेकर आरोपी के वकील सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा चुके हैं।

3 साल, 32 गवाह, अब फैसला
इस पूरे मामले में अब तक अभियोजन ने तीन साल में फैसला सुनाया। इस दौरान 32 गवाह कोर्ट के सामने पेश किए। 150 पेशी की गईं। भय्यू महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी, बेटी कुहू और बहन समेत डॉ. पवन राठी के बयान भी कोर्ट में हो चुके हैं। हाईकोर्ट ने अपराध को प्रमाणित पाया है। सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने महाराज के सेवादार रहे शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को महाराज को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सजा सुनाई। कोर्ट ने माना कि आरोपित महाराज को पैसों के लिए प्रताड़ित करते थे। पैसों के लिए उन्हें ब्लैकमेल भी किया जाता था।

Latest Videos

19 जनवरी को हुई थी सुनवाई
इस मामले में 19 जनवरी को साढ़े पांच घंटे सुनवाई हुई थी। इसमें ही तय हुआ था कि भय्यू महाराज आत्महत्या केस में 28 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा। महाराज को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उनके सेवादार विनायक, शरद और पलक लम्बे समय से जेल में हैं। अपर सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी की कोर्ट में दो सत्रों में साढ़े पांच घंटे तक सुनवाई चली। 

कब हुई थी गिरफ्तारी
भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को अपनी कनपटी पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। जो सेवादार भय्यू महाराज के लिए परिवार से बढ़कर थे, जिन पर उन्हें इतना विश्वास था कि उनके भरोसे उन्होंने अपने आश्रम और कामकाज सौंप रखे थे, उन्हीं सेवादारों ने उन्हें पैसों के लिए इतना प्रताड़ित किया कि मजबूरी में उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाना पड़ा। मामले में जब तत्कालीन CSP सुरेंद्र सिंह का प्रतिपरीक्षण हुआ था। उन्होंने कहा कि महाराज के पास से पुलिस ने एक डायरी जब्त की थी। इसमें महाराज ने लिखा था कि जीवन से परेशान हूं, इसलिए जीवन छोड़ रहा हूं। इस डायरी में उन्होंने आरोपी विनायक को विश्वासपात्र बताया था। CSP सुरेंद्र सिंह ने यह भी स्वीकारा कि मामले में जांच के तहत कुछ लोगों के बयान दर्ज किए थे। इनमें से किसी ने भी आरोपियों पर शक नहीं जताया था। आत्महत्या वाली घटना के 6 महीने बाद पुलिस ने विनायक, शरद और पलक को आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था। घटना के 6 महीने तक किसी पर भी कोई आरोप नहीं लगाया।

इसे भी पढ़ें-मां इतनी बेरहम कैसे?, अफेयर में करवा दी 14 साल के बेटे की हत्या, 12 दिन पेड़ से लटकी रही लाश, एक आंसू नहीं आया

इसे भी पढ़ें-पुलिस इंस्पेक्टर के बेटे ने पिता की रिवॉल्वर से उड़ा ली अपनी खोपड़ी. परीक्षा में नकल करने से दुखी था वो

 

Share this article
click me!

Latest Videos

शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?