देश में स्वच्छता के मामले में लगातार चार बार क्लीन सिटी का खिताब जीतकर नंबर-1 बने इंदौर शहर ने फिर इतिहास रचा है। अब इंदौर को भारत का पहला वॉटर प्लस शहर घोषित किया है।
इंदौर (मध्य प्रदेश). देश में स्वच्छता के मामले में लगातार चार बार क्लीन सिटी का खिताब जीतकर नंबर-1 बने इंदौर शहर ने फिर इतिहास रचा है। अब इंदौर को भारत का पहला वॉटर प्लस शहर घोषित किया है। केंद्र सरकार द्वारा गठित एक टीम ने इन परिणामों में ऐलान किया है। जिसमें अहमदाबाद, सूरत,पुणे, मुंबई और भी कई बड़े शहर शामिल थे।
क्या है वाटर प्लास...
दरअसल, भारत सरकार ने पिछले दिनों वॉटर प्लस के लिए देश के सभी शहरों से आवदेन मगाएं थे, जिसमें करीब 84 नगर निगम वाले शहरों ने एप्लाई किया था। इसका मकसद था शहरों के जलाशयों, नदियों और तालाबों को साफ करना। यानि नदी-नालों में केवल साफ और बरसाती पानी ही बहे और सीवरेज के पानी का भी इस्तेमाल हो सके। इस सूची में फाइनल में 33 शहरों कोरखा गया था। इसमें वॉटर प्लस के मानकों का परखना और नदियों में मिल रहे गंदे नालों के पानी को रोकना प्रमुख था। इसके के लिए सेंट्रल शहरी विकास मंत्रालय ने एक सर्वे के लिए टीम का गठन किया था।
इंदौर में कैसे हुआ ये कमाल
इंदौर नगर निगम टीम ने सबसे पहले नाला टेपिंग करने के लिए एक टीम का गठन किया। जिसका काम था कि वह नदियों में मिल रहे नालों को बंद कराए। क्योंकि इंदौर की कान्हा और सरस्वती नदियों में करीब शहर के 6 नालों का गंदा पानी मिलता था। अफसरों ने पहले इनको बंद कराया। छोटे-बड़े जितने भी नाले थे सभी को नदी में जाने से रोका गया। इसके साथ ही नालों के गंदे पानी को ट्रीट कर फव्वारे में सप्लाई किया गया और सीवर के पानी को ट्रीट कर फसलों और बगीचों की सिंचाई लायक बनाया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि पानी की बचत भी हुई और गंदे पानी का सही इस्तेमाल भी हो गया।
सीएम ने इंदौर वासियों को दी बधाई
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहर को लोगों और निगम टीम को इस इतिहास रचने की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इंदौर वासियों आप पर, आपकी कार्यशैली और आपके अनुशासन पर पूरे प्रदेश को गर्व है। आपने जो इतिहास रचा है वह पूरा देश देख रहा है। मध्य प्रदेश के लिए गौरव का पल! सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा प्राप्त करने के बाद अब इंदौर देश का पहला वाटर प्लस सिटी बन गया है।
इंदौर नगर निगम आयुक्त ने बताया उन्होंने कैसा रचा यह इतिहास
इंदौर नगर निगम की कमिश्नर प्रतिभा पाल ने कहा इंदौर ने सबसे हले सर्वे किया और नदियों, नालों में जाने वाले 7,000 ग्रेवाटर को रोका, हमने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए पूरी मेहनत की। नदी-नाले में गिरने वाले ब्लैक व ग्रेट वॉटर को ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया। शहर के 10 एसटीपी प्लांट में उस पानी को ट्रीट करते हुए 30 प्रतिशत ट्रीटेंट वॉटर को रियूज किया है।