लोकायुक्त टीम ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जबलपुर के कांस्टेबल सच्चिदानंद सिंह के घर और फार्म हाउस पर छापा मारा। जिसके पास से करोड़ों की संपत्ति और दर्जनों वाहनों का काफिला मिल है।
जबलपुर (मध्य प्रदेश). एक कांस्टेबल की सैलरी इतनी होती कि वह ठीक से सिर्फ अपना परिवार का खर्च ही चला सकता है। नौकरी के अंतिम पड़ाव में जाकर एक मकान और एक कार मुश्किल से ले पाता है। लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर का एक आक्षक ने इतनी कमाई कि जिसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है। जब लोकायुक्त टीम (Lokayukta raids)ने छापा मारा और उसका काला चिठ्ठा सामने आया तो वह करोड़ों की संपत्ति का मालिक निकला। सिपाही की कमाई देखकर अधिकारी भी दंग रह गए।
वहानों का काफिला देख अधिकारियों के उड़े होश
दरअसल, लोकायुक्त टीम ने आय से अधिक संपत्ति मामले में यह छापा कांस्टेबल सच्चिदानंद सिंह के घर और फार्म हाउस पर मंगलवार को मारा। जिसकी कार्रवाई अभी भी जारी है। जिसके पास से करोड़ों की संपत्ति और दर्जनों वाहनों का काफिला मिल है। इतना ही नहीं उसके पास से लाखों के सोने-चांदी के गहने और कई एकड़ जमीन भी मिली है। आरोपी सिपाही के कई शहरों में मकान और प्लाट भी हैं।
आरक्षक ने की इतनी कमाई जो अधिकार भी नहीं कर सके
बता दें कि आरोपी कांस्टेबल जबलपुर के तिलवारा घाट थाने में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ है। सच्चिदानंद सिंह 1995 में मध्य प्रदेश पुलिस सेवा में आया था। तब से लेकर अब तक वह बरगी संभाग के ही कई थानों तैनात रहा। आरोपी ने करोड़ों की यह कमाई आरक्षक रहते हुए की है। वह इतनी संपत्ति का मालिक है कि जो किसी बड़े अधिकारी के पास नहीं होती है।
अभी और भी काली कमाई निकलेगी
मामले की जांच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि आरोपी सिपाही के बगंले की कीमत लाखों में है। उसके सभी मकान और फार्म हाउस के अलवा बैंक खाते तलाशे जा रहे हैं। साथ ही कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और लॉकर भी देखे जाएंगे। लोकायुक्त टीम सिपाही के पास से मिली संपत्ती की गिनती कर रही है। अभी और भी काली कमाई उसके पास से निकल सकती है। फिलहाल कार्रवाई जारी है