पुलिस ने किसी तरह से क्रेन की मदद से बस को हटवाकर उसके नीचे से शव निकाले। मृतक बुरी तरह दबे हुए थे, आलम यह था कि उनका चेहरा भी पहचानना मुश्किल हो रहा था। बस में 52 लोगों को बैठाने की सीट थी, लेकिन उसमें कहीं ज्यादा 100 यात्री सवार थे।
टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश), एक बार फिर से लॉकडाउन के डर से पलायन करने वाले मजदूरों के हादसों की खबरें आने लगी हैं। दिल्ली में लॉकडाउन के डर से घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से भरी एक बस मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में पलट गई। जिसमें तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं कुछ लोग अभी गंभीर रुप से घायल बताए जा रहे हैं।
बस में ठसाठस भरे हुए थे मजदूर
दरअसल, यह भीषण एक्सीडेंट ग्वालियर में झांसी हाईवे पर मंगलवार सुबह हुआ, जहां दिल्ली से मजदूर भरकर ला रही ओवरलोड बस तेज रफ्तार में जौरासी घाटी के पास पलट गई। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस कप्तान अमित सांघी खुद स्पॉट पर पहुंच गए।
खिड़कियों से कूदकर बचाई अपनी जान
बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार होने वाली बस अपनी क्षमता से ज्यादा भरी हुई थी और बैलेंस खोने की वजह से यह हादसा हो गया। फिलहाल मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। हादसा इतना भयानक था कि कुछ यात्रियों ने बस की खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई है। मौत को सामने देख महिलाओं ने भी कूदकर अपनी जान बचाई है।
क्रेन की मदद से निकाले गए बस के नीचे दबे शव
बस में बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएं सवार थीं। पुलिस ने किसी तरह से क्रेन की मदद से बस को हटवाकर उसके नीचे से शव निकाले। मृतक बुरी तरह दबे हुए थे, आलम यह था कि उनका चेहरा भी पहचानना मुश्किल हो रहा था। बस में 52 लोगों को बैठाने की सीट थी, लेकिन उसमें कहीं ज्यादा 100 यात्री सवार थे। क्योंकि सबको घर जान की जल्दी थी। वहीं बस चालक ने भी लालच में सवारी भर लीं थीं।