देवी मां के कन्या भोज में गई लड़की को कलंक कहकर भगाया, दुखी होकर मासूम ने खत्म कर ली अपनी जिंदगी...

इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना  शिवपुरी के मुहारीखुर्द गांव में हुई। जहां पर एक 17 साल की चांदनी नाम की लड़की ने दुखी होकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली।  यहां नवरात्र के समापन पर हुए भंडारे में आई एक लड़की को एक शास्त्री ने  इस तरह बेइज्जत कर भगाया था।

Asianet News Hindi | Published : Oct 30, 2020 7:33 AM IST / Updated: Oct 30 2020, 01:45 PM IST

शिवपुरी (मध्य प्रदेश). हिंदु धर्म में बेटियों को देवी मां का रुप माना जाता है। तभी तो कन्या भोज में उनके पैर पखार के आर्शीवाद लेते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से घृणित समाज का ऐसा क्रूर चेहरा सामने आया है। जिन्हें इंसान कहने पर भी शर्म आती है। यहां नवरात्र के समापन पर हुए भंडारे में आई एक लड़की को एक शास्त्री ने इस तरह बेइज्जत कर भगाया कि बच्ची ने बिना खाना खाए रोते हुए गई और अपने केरोसिन छिड़क आग लगाते हुए सुसाइड कर लिया।

कन्या भोज में इंसान बन गए हैवान
दरअसल, इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह घटना  शिवपुरी के मुहारीखुर्द गांव में हुई। जहां पर एक 17 साल की चांदनी नाम की लड़की ने दुखी होकर अपनी जिंदगी खत्म कर ली।  नाथूराम शास्त्री नाम के आरोपी ने बच्ची को कहा कि इस तरह प्रताड़ित किया कि तुम गांव में कलंक हो यहां से भाग जाओं, तुम जैसी कन्या को हम भोजन नहीं कराएंगे।

गौहत्या का आरोप लगा परिवार को किया प्रताड़ित
बता दें कि कुछ दिन पहले बच्ची के पिता बृजेश पांडेय के खेत में एक बछिया घुस गई थी। जिसके चलते बृजेश के बेटे ने उसको एक खूंट से बांध दिया था। लेकिन इसी दौरान उसकी मौत हो गई। तो गांववालों ने परिवार पर गौहत्या का आरोप लगाकर समाज से बाहर कर दिया। साथ ही  51 हजार का जुर्माना लगा भी लगा दिया। ना तो कोई परिवार के सदस्य से बात करता था और ना ही घर आता जाता था।

(मृतका बेटी के पिता अपना दर्द बयां करते हुए)

इलाहाबाद जाकर गंगास्नान और पूजा तक किया 
इस गौहत्या के आरोप से मुक्त होने के लिए पीड़ित परिवार ने इलाहाबाद जाकर गंगास्नान और पूजा की। इसके बाद गांव की सारी कन्याओं को बुलाकर भोज कराया। इसके बाद भी आरोपी शास्त्री चांदनी के परिवार पर जुर्माने के तौर पर 51 हजार रुपए देने का दवाब डाला। परिवार की आर्थिक हालात इतनी अच्छी नहीं थी कि वह यह जुर्माना दे सकें।

(मृतका चांदनी का शव)

मासूम ने चीखते हुए त्याग दिए प्राण 
बुधवार के दिन जब पीड़ित परिवार के बेटी गांव में हो रहे नवरात्र के भंडारे में कन्या भोज के लिए गई थी। जहां नाथूराम शास्त्री ने लड़की और उसके परिवार को गांव के नाम पर कलंक कहते हुए डांट फटकार से भगा दिया। मासूम इतनी दुखी हुई की वो दुनिया ही छोड़ गई। जिस वक्त यह घटना घटी उस दौरान घर में कोई नहीं था। घर के सारे लोग काम पर गए हुए थे।

(घटना के बाद लोगों से पूछताछ करती हुई पुलिस)

लड़की के मरने के बाद से गांव से फरार है आरोपी शास्त्री
बता दें कि जैसे ही आरोपी नाथूराम शास्त्री को चांदनी के मरने की बात पता चली तो वह घर से फरार हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है। इसके अलावा आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।

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