शिवाराज सरकार में पर्यटन व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने मदरसों को लेकर एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा-देश में धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता बरपा रही है। सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े हैं, जहां पर कट्टर आतंकवादी पनपते हैं। इन्होंने जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद की फैक्ट्री बना दिया है।
इंदौर. मध्य प्रदेश में होने वाले 28 सीटों के उपचुनाव की तारीखें जैसे-जैसे पास आ रही हैं, वैसे-वैसे नेताओं की जुबानी जंग तेज होती जा रही है। वोट मांगने के चक्कर में सभी नेता अपनी भाषा की मर्यादा भूलते जा रहे हैं। एक तरफ जहां अभी कमलनाथ का इमरती देवी को दिया आइटम वाले बयान पर सियासत थमी ही नहीं थी कि प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने भी एक विवादित बया दे डाला। उन्होंने इन चुनाव में हिन्दुत्व का मुद्दा उठाया।
'मदरसों में पनपते हैं आतंकवादी'
दरअसल, सोमवार को शिवाराज सरकार में पर्यटन व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने इंदौर में मदरसों को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने पत्रकार के शिक्षा वाले सवाल पर कहा कि देश में धर्म आधारित शिक्षा कट्टरता बरपा रही है। सारे आतंकवादी मदरसों में पले-बढ़े हैं, जहां पर कट्टर आतंकवादी पनपते हैं। इन्होंने जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद की फैक्ट्री बना दिया है।
मदरसों को बंद करने की कही बात
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रहित में बाधक ये मदरसे बंद होने चाहिए। क्योंकि यहां पर कोई पढ़ाई नहीं की जाती, बल्कि यहां बच्चों के दिमाग में नफरत भरी जाती है। ऐसे मदरसे राष्ट्रवाद और समाज की मुख्यधारा से नहीं जोड़ सकते। इसलिए जरूरत है इनको सही दिशा देना, क्योंकि ऐसे मदरसे राष्ट्रहित में बाधक हैं। इस तरह के बयान को राष्ट्रवाद की एंट्री के तौर पर देखा जा रहा है। जिसके जरिए उपचुनाव में कट्टर हिन्दुत्व का मद्दा उठाकर वोट हासिल की जा सकें।
कमलनाथ पर साधा जमकर निशाना
इतना ही नहीं मंत्री उषा ठाकुर ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने कहा था कि मदरसे के इमाम को 5 हजार, मुअज्जिन को 4500 रुपए महीने सैलरी देंगे। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड आर्थिक दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। तो फिर कमलनाथ को ऐसी घोषणा करने की क्या जरुरत थी। वक्फ बोर्ड खुद को मदरसों की देखरेख कर लेता। निजी स्वार्थ के लिए इतना गिर जाएंगे कि धर्म-प्रथा का भी बलिदान कर देंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 14 फीसदी से हिंदू 1 फीसदी हो गया। कितनी यातना, कितनी प्रताड़नाएं सही, उनका ये विरोध करते हैं। उनके लिए कहीं कोई बात नहीं की। लेकिन अगर हम सीएए के जरिए नागरिकता दी जाए तो इको समस्या होती है।
पहले भी कई विवादित बयान दे चुकी हैं उषा ठाकुर
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब उषा ठाकुर ने विवादित बयान दिया हो। वह इससे पहले भी कई बार अपने बयानों के चलते चर्चा में रह चुकी हैं। चाहे फिर वंदे मातरम् का मुद्दा हो या फिर गरबे लेकर दिया उनका बयान, इतना ही नहीं उन्होंने तो जेएनयू को लेकर कन्हैया कुमार को कह दिया था कि इसके लिए उनकी मां जिम्मेदार हैं।