उज्जैन में परिवार ने बेटी की शादी में पेश की अनूठी मिसाल: दुल्हन की ख्वाहिश ने जीता सबका दिल, बना यादगार पल

दुल्हन अवनी ने बताया कि सरकार द्वारा कोरोना को देखते हुए शादी-विवाह में 200 लोगों को बुलाने का आदेश है। लेकिन जब हमने मेहमानों की लिस्ट बनाई तो वह काफी ज्यादा थी। समझ नहीं आ रहा था कि किसे बुलाए और किसे छोड़ दें। लेकिन फिर मैंने फैसला किया क्यों ना मेहमानों की जगह दिव्यांग बच्चों और अनाथ बुजुर्गों को मेहमान बनाकर आमंत्रित किया जाए।

उज्जैन (मध्य प्रदेश). लोग अपनी शादी को खास बनाने के लिए कारोंड़ों रुपए पानी की तरह बहा देते हैं। इतना ही नहीं बड़े-बड़े सैलिब्रटीज और नेताओं को बुलाते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश की उज्जैन नगरी में एक उद्योगपति ने अपनी बेटी की शादी में अनूठी मिसाल पेश की। जिसने भी यह देखा वह यही बोला की काश सभी को ऐसा ही करना चाहिए। इस विवाह में उन्होंने 50 दिव्यांगों को मेहमानों के रुप में बुलाया था। इतना ही नहीं  दूल्हा-दुल्हन ने इन दिव्यांगों को स्टेज पर बुलाकर आशीर्वाद भी लिया।

दिव्यांग और अनाथ बच्चों ने विवाह में खुशियां बांटी
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर के चलते नई गाइडलाइन जारी कर रखी है। जिसके मुताबिक, शादी समारोह में केवल 200 मेहमानों के बुलाने की अनुमति है। लेकिन इंदौर के मेडिकल व्यवसायी घनश्याम मेड़तवाल ने बेटी की शादी में मेहमानों को ना बुलाकार 50 दिव्यांगों को बुलाया हुआ था। इन दिव्यांग और अनाथ बच्चों ने विवाह समारोह में शामिल कर दूल्हा-दुल्हन के साथ खुशियां बांटी।

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दुल्हन की ख्वाहिश को पिता ने किया पूरा
बता दें कि उद्योगपति घनश्याम मेड़तवाल की ने बताया कि उनकी बेटी की इच्छा थी वह अपनी शादी सबसे अलग और हटकर करना चाहती है। जो कि समाज के लिए एक मिसाल बने और लोग इससे कुछ सीख लें। इसके लिए हमने इंदौर छोड़कर बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शादी आयोजित की। इसके लिए दूल्हे अमन अग्रवाल और उनके पिता मेडिकल व्यवसाई कमलेश अग्रवाल से बात की तो उन्होंने भी मुहर लगा दी। फिर हमने  उज्जैन के सेवा धाम के 50 दिव्यांग बच्चों और बुजुर्गों को बुलाया।

दूल्हा-दुल्हन दिल खोलकर दिया आशीर्वाद 
दुल्हन अवनी ने बताया कि सरकार द्वारा कोरोना को देखते हुए शादी-विवाह में 200 लोगों को बुलाने का आदेश है। लेकिन जब हमने मेहमानों की लिस्ट बनाई तो वह काफी ज्यादा थी। समझ नहीं आ रहा था कि किसे बुलाए और किसे छोड़ दें। लेकिन फिर मैंने फैसला किया क्यों ना मेहमानों की जगह दिव्यांग बच्चों और अनाथ बुजुर्गों को मेहमान बनाकर आमंत्रित किया जाए। वहीं इस शादी को कराने वाले ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि गरीब के दिल से दुआ निकलती है, वह खूब फली भूत होती है। दिव्यांग और दया पात्र लोगों ने दूल्हा-दुल्हन को खुश होकर जो आशीर्वाद दिया वह जरुर पूरा होगा।

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