जम्मू कश्मीर में सुबह आतंकियों द्वारा किए अचानक हमले में सतना के शंकर पटेल शहीद हो गए। सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत देश व प्रदेश के बड़े नेताओं ने अपना दुख व्यक्त किया।
सतना. शुक्रवार सुबह जम्मू के भटिंडी सुंजवां कैंप के पास सुरक्षा बलों पर आतंकियों ने फायरिंग की। इस पर भारतीय जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की। इसी दौरान आतंकियों ने जवानों पर ग्रेनेड से हमला कर दिया, जिसमें CISF के ASI सतना के जवान शंकर प्रसाद पटेल शहीद हो गए। जैसे ही उनके शहीद होने की खबर मिलते ही उनके घर में मातम छा गया है। शहीद शंकर प्रसाद पटेल मैहर में अमदरा के समीप ग्राम नौगवां के रहने वाले थे।
हमले की जानकारी देते हुए जम्मू के ADGP मुकेश सिंह ने बताया कि सुंजवां कैंप के पास सुबह करीब 4.15 बजे आतंकियों की सूचना मिलने पर सुरक्षाबल पहुंचे थे। यहां आतंकवादियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। और इसमें 2 आतंकवादी ढेर कर दिए गए और एक अफसर शहीद हुआ साथ ही 5 जवान घायल भी हुए हैं।
कुछ ही साल थे रिटायरमेंट में
शंकर प्रसाद पटेल जम्मू जाने से पहले भिलाई छत्तीसगढ़ में पदस्थ थे, जहां से 18 अप्रैल को ही उन्हें स्पेशल ड्यूटी में बटालियन के साथ जम्मू भेजा गया था। वे Central Industrial Security Force (CISF) में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ थे। वे दो साल बाद यानी 2024 में रिटायर होने वाले थे।
पांच भाइयों में दूसरे नंबर बागवानी और सफाई का भी था शौक
परिवार के पांच भाइयों में शहीद शंकर दूसरे नंबर के भाई थे,और उनकी रुचि शुरू से ही देश सेवा में थी, इसलिए उन्होंने CISF जॉइन की। देश सेवा के साथ साथ उनकी रुचि बागवानी और सफाई का भी शौक था। वे खुद तो साफ रहना पसंद करते थे और इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करते थे। शहीद शंकर जब भी छुट्टियों पर आते, अपना ज्यादातर समय बागवानी करने में ही बिताते थे।
शहीद होने से पहले परिवार से की थी बात
शहीद शंकर के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा संजय कुमार टोल प्लाजा में एम्बुलेंस ड्राइवर है, जबकि छोटा बेटा सुरेंद्र सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और नागपुर में नौकरी करता है। उन्होंने ड्यूटी पर जाने से पहले गुरुवार को अपनी पत्नी और छोटे बेटे से फोन पर बात की थी। शंकर प्रसाद की शहादत की खबर मिलते ही पूरे नौगवां का माहौल गमगीन हो गया है। पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। शहादत की खबर गांव में फैलते ही लोगों का उनके घर आना शुरू हो गया है।
शनिवार दोपहर तक पार्थिव शरीर पहुंचने की संभावना
परिजनों के मुताबिक, शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर तक उनके गांव पहुंचने की संभावना है। शहीद का पार्थिव शरीर जम्मू से विशेष विमान से जबलपुर आएगा फिर वहां से तिरंगे में लिपटा शरीर अपने घर पहुचाया जाएगा।
प्रशासन की टीम भी गांव पहुंच गई है और शहीद के पार्थिव शरीर के आगमन तथा अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गई है। मैहर SDM धर्मेंद्र मिश्रा, तहसीलदार मानवेंद्र सिंह नौगवां पहुंच गए हैं। मैहर-अमदरा से पुलिस बल भी उनकी अंतिम यात्रा की पूरी व्यवस्था के लिए नौगांव पहुच चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सांसद गणेश सिंह, विधायक नारायण त्रिपाठी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने शोक व्यक्त किया है।