MP : 1981 में हुई थी पहल, 40 साल बाद भोपाल-इंदौर में लागू हुआ पुलिस-कमिश्नर सिस्टम, जानें कब-कब क्या हुआ

Published : Dec 09, 2021, 07:58 PM ISTUpdated : Dec 09, 2021, 08:04 PM IST
MP : 1981 में  हुई थी पहल, 40 साल बाद भोपाल-इंदौर में लागू हुआ पुलिस-कमिश्नर सिस्टम, जानें कब-कब क्या हुआ

सार

पहली बार 1981 में इस सिस्टम को लागू करने की पहल हुई थी। तब से लेकर अब तक कई सरकारों में इसको लेकर प्रयास हुए। इतने सालों में यह 6वां प्रयास है, जब 40 साल की लंबी कवायद के बाद भोपाल और इंदौर में गुरुवार से पुलिस-कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया है।

भोपाल : आखिरकार 40 साल की लंबी कवायद के बाद मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दो महानगरों भोपाल (Bhopal) और इंदौर (Indore) में गुरुवार से पुलिस-कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने 21 नवंबर को भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। इसके अगले दिन सोमवार को पुलिस मुख्यालय ने ड्राफ्ट तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया था। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी विवेक जौहरी के साथ प्रस्तावित ड्राफ्ट पर मंत्रालय में 1 दिसंबर को बैठक की। अब गुरुवार को मुख्यमंत्री ने ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है। इतने सालों में यह 6वां प्रयास है, जब इसे धरातल पर पूरी तरह स्वरुप दे दिया गया है। पहली बार 1981 में इस सिस्टम को लागू करने की पहल हुई थी। तब से लेकर अब तक कई सरकारों में इसको लेकर प्रयास हुए। आइए आपको बताते हैं कि इन 40 सालों में इस सिस्टम को लेकर कब-कब क्या प्रयास हुए..

40 साल में कब-कब क्या हुआ

  • 3 जून 1981 को अर्जुन सिंह (Arjun Singh) की कैबिनेट में 5 लाख से ज्यादा की आबादी वाले चार शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर (Gwalior) और जबलपुर (Jabalpur) में प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, लेकिन लागू नहीं हुआ।
  • 27 मार्च 1997 को दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) की सरकार में वित्त मंत्री रहे अजय नारायण मुशरान, आरिफ अकील, नंदकुमार पटेल और अजय सिंह की समिति बनाई गई थी। इस समिति ने दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और अमरावती समेत कई शहरों में जाकर वहां का जायजा भी लिया था, लेकिन तब फैसला नहीं हो सका था।
  • साल 2000 में दिग्विजय सरकार के दूसरे कार्यकाल में इस सिस्टम को लेकर फिर विचार किया गया। विधानसभा में विधेयक भी पेश किया गया। जहां यह पास भी हो गया लेकिन जब इसे अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया, तो तत्कालीन राज्यपाल डॉ भाई महावीर ने इसे स्वीकृति नहीं दी। इस बीच दिग्विजय सरकार सत्ता से बाहर हो गई और यह कवायद रूक गई।
  • साल 2012 में एक बार फिर इस सिस्टम की जरुरत को महसूस किया गया। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किए जाने का ऐलान किया, लेकिन फिर इसको लेकर कोई काम नहीं हुआ और यह घोषणा ठंडे बस्ते में चला गया।
  • साल 2018 में राजस्व विभाग ने कमिश्नर सिस्टम को लेकर प्रस्ताव भी तैयार किया, लेकिन इसे कैबिनेट में प्रस्तुत नहीं किया गया था। हालांकि, नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी कर ली गई थी।
  • 21 नवंबर 2021 के दिन एक बार फिर इस सिस्टम को लेकर कवायद हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। इसके अगले दिन सोमवार को पुलिस मुख्यालय ने ड्राफ्ट तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया था।
  • एक दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी विवेक जौहरी के साथ प्रस्तावित ड्राफ्ट पर मंत्रालय में बैठक की। करीब आधे घंटे चली बैठक में दोनों अफसरों ने नए सिस्टम के ड्राफ्ट में किए प्रावधानों की सिलसिलेवार जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राफ्ट को फाइनल करने के लिए एक बैठक और की जाएगी, ताकि कमी ना रह जाए। 
  • आखिरकार लंबी कवायद के बाद 9 दिसंबर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया है।
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 13 दिसंबर को बनारस (Banaras) जाएंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बीजेपी (bjp) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक लेंगे। इसमें राज्यों के इनोवेशन और डेवलपमेंट के कामों का प्रेजेंटेशन होगा। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश के प्रेजेंटेशन में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को भी शामिल करेंगे।

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