सार
अब दोनों शहरों में कानून व्यवस्था की कमान सीधे तौर पर पुलिस के हाथों में होगी। इस व्यवस्था के तहत कानून व्यवस्था अब और पुख्ता होगी। सरकार ने दोनों बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने के साथ ही कई अधिकार पुलिस को दे दिए हैं ताकि सीधे तौर पर कार्रवाई हो सकेगी।
भोपाल : मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) के दो महानगरों भोपाल (Bhopal) और इंदौर (Indore) में पुलिस कमिश्नर सिस्टम गुरुवार शाम से लागू हो गया है। इसकी जानकारी देते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने बताया कि दोनों शहरों में नई पुलिस व्यवस्था का नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने नए सिस्टम के ड्राफ्ट को गुरुवार सुबह मंजूरी दे दी थी। विधि विभाग अंतिम बार बारीकी से परीक्षण के बाद इसे फाइनल कर दिया। सिस्टम के अस्तित्व में आने के बाद अब पुलिस कमिश्नर और अन्य अफसरों की पोस्टिंग का आदेश भी जारी किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत भोपाल-इंदौर में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) स्तर के अधिकारी आयुक्त होंगे। इसके आदेश एक-दो दिन में जारी किए जाएंगे। भोपाल में 38 और इंदौर में 36 थाने पुलिस कमिश्नर के दायरे में आएंगे। कमिश्नर के अंडर में DIG लेवल के दो ACP के बाद दोनों शहरों में आठ-आठ एसपी लेवल के अफसर भी रहेंगे।
सीधे पुलिस के हाथों में होगी कानून व्यवस्था
भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब दोनों शहरों में कानून व्यवस्था की कमान सीधे तौर पर पुलिस के हाथों में होगी। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत 2 बड़े शहरों में कानून व्यवस्था अब और पुख्ता होगी। सरकार ने दोनों बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने के साथ ही कई अधिकार पुलिस को दे दिए हैं ताकि सीधे तौर पर कार्रवाई हो सकेगी।
नए सिस्टम में 9 अधिनियम के अधिकार मिलेंगे
भोपाल और इंदौर में लागू हुए पुलिस कमिश्नर सिस्टम में पुलिस को 9 अधिनियमों के अधिकार मिलेंगे। जिनमें प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में 107-116 सहित रासुका, धारा 144 और 133 के अधिकार भी मिलेंगे। साथ ही मोटरयान अधिनियम, पुलिस एक्ट, राज्य सुरक्षा अधिनियम, प्रिजनर एक्ट, अऩैतिक, शासकीय गोपनीय अधिनियम जैसे कानून के अधिकार मिलेंगे।
ऐसी होगी व्यवस्था
भोपाल में पुलिस कमिश्नर सिस्टम के तहत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात किया जाएगा। इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के दो पद, पुलिस उपायुक्त के 8 पद अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त के 10 पद, सहायक पुलिस आयुक्त के 33 पद पुलिस अधीक्षक ग्रामीण में एक अफसर को तैनात किया जाएगा। इंदौर में पुलिस आयुक्त का एक पद, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के दो पद, पुलिस उपायुक्त 8, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त 12, सहायक पुलिस आयुक्त 30 और ग्रामीण क्षेत्र में एक पुलिस अधीक्षक तैनात किए जाएंगे।
सिर्फ शहरी क्षेत्र ही दायरे में आएंगे
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा सिर्फ शहरी क्षेत्रों के थाने ही पुलिस कमिश्नर सिस्टम के तहत दायरे में आएंगे। ग्रामीण इलाकों को पुलिस कमिश्नर सिस्टम से बाहर रखा गया है। भोपाल और इंदौर में कौन होगा पुलिस कमिश्नर इसका फैसला अगले 1 हफ्ते के अंदर कर दिया जाएगा। नए सेट अप के तहत पुलिस अफसरों की नियुक्ति की जाएगी।
शिवराज ने 2012 में विधानसभा में किया था ऐलान
शिवराज सिंह चौहान ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी फरवनरी 2012 में विधानसभा सत्र में पुलिस-कमिश्नर सिस्टम लागू करने का ऐलान किया था। लेकिन तब भी मामला उससे आगे नहीं बढ़ा और घोषणा तक ही रह गया। उनके तीसरे कार्यकाल में भौंरी पुलिस अकादमी में भी शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में इस पर विचार की बात कहकर पुलिस को उम्मीद जगाई थी। तब वहां गृह विभाग के IAS अधिकारी भी मौजूद थे।
त्रिखा कमेटी से लेकर IAS ने कई बार बनाए प्रस्ताव
पुलिस सुधार के नाम पर त्रिखा कमेटी बनाई गई थी तो PHQ में एक वरिष्ठ अधिकारी को ही पुलिस सुधार शाखा में बैठा दिया गया। पुलिस-कमिश्नर सिस्टम के विचार आते ही पुलिस के कुछ अधिकारियों को प्रस्ताव बनाए जाने का काम भी समय समय पर सौंपा गया था। रिटायर्ड IPS अधिकारी संजय राणा से लेकर मौजूदा एडीजी संजीव शमी तक ने पुलिस-कमिश्नर सिस्टम वाले शहरों का अध्ययन कर उनके बेहतर बिंदुओं के आधार पर प्रस्ताव बनाए लेकिन उनका हश्र रद्दी की कोठरी में ही हुआ।
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