इंदौर में एक सिरफिरे ने कुत्ते के बच्चे की आवाज से परेशान होकर उसके दोनों कान कैंची से काट दिए। खून से लथपथ बच्चा दर्द से कराहता हुआ इधर-उधर भागता रहा। इस दौरान उसके दोनों कानों से खून टपकता रहा।
इंदौर(Madhya Pradesh). इंदौर में एक सिरफिरे ने कुत्ते के बच्चे की आवाज से परेशान होकर उसके दोनों कान कैंची से काट दिए। खून से लथपथ बच्चा दर्द से कराहता हुआ इधर-उधर भागता रहा। इस दौरान उसके दोनों कानों से खून टपकता रहा। कुत्ते का बच्चा दर्द से तड़पते हुए बेहोश हो गया, लोगों ने इसकी सूचना पीपुल्स फॉर एनिमल के पदाधिकारियों को दी। संस्था की अध्यक्ष प्रियांशु जैन मौके पर पहुंची पहले उसका इलाज कराया। उसके बाद आरोपी के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई।
सूचना पर पहुंची एनजीओ पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था की अध्यक्ष प्रियांशु जैन कुत्ते के बच्चे को लेकर चंदननगर थाने पहुंची। यहां उन्होंने आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया। चंदन नगर पुलिस के मुताबिक शिकायत के आधार पर मारुति पैलेस में रहने वाले पप्पू साहू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। प्रियांशु जैन ने बताया कि उन्हें मोबाइल पर सूचना मिली थी कि पप्पू साहू नाम के युवक ने सड़क पर खेल रहे पिल्ले को पकड़ा और उसके दोनों कानों को काट दिए हैं। खून से लथपथ कुत्ते का बच्चा दर्द से तड़पते हुए इधर उधर भाग रहा है।
बच्चे की आवाज से परेशान था सिरफिरा शख्स
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी पप्पू साहू की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि डॉगी का बच्चा खेलते-खेलते चिल्ला रहा था। पप्पू को उसका भौंकना इतना नागवार गुजरा कि उसने बच्चे के कान ही काट दिए। कान कटने के बाद खून से लथपथ कुत्ते का बच्चा इलाके में तड़पते हुए घूम रहा था। लोगों को उस पर दया आई और उन्होंने संस्था को सूचित किया।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने लिया संज्ञान, दिया कार्रवाई की आदेश
बेजुबान के साथ अमानवीयता का ये मामला गृहमंत्री तक पहुंच गया। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे बड़ा पीड़ादायक प्रसंग बताया और कहा इस तरह का कृत्य जानबूझकर किया गया है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि अब कुत्ते के बच्चे का इलाज और उसकी देखभाल आरोपी ही करेगा। हालांकि पीपुल्स फॉर एनिमल की अध्यक्ष प्रियांशु जैन ने कहा कि वे आरोपी को घायल कुत्ते का बच्चा नहीं सौंपेंगी वो उनके पास ही रहेगा। क्योंकि आरोपी की इस हरकत के बाद उन्हें आरोपी पर विश्वास नहीं है।
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