मप्र के स्ट्रीट वेंडर्स से बात करेंगे पीएम मोदी, बिना गारंटी के रेहड़ी वालों को 10 हजार रुपए का लोन

मध्य प्रदेश. देश में कोविड-19 महामारी के चलते परेशानियों का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर यानि आज थोड़ी देर में संवाद करेंगे। वह इस दौरान एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, फेसबुक लाइव के जरिए मध्य प्रदेश के शहरी पथ विक्रेताओं को संबोधित करेंगे।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2020 5:23 AM IST / Updated: Sep 09 2020, 11:14 AM IST

भोपाल, मध्य प्रदेश. देश में कोविड-19 महामारी के चलते परेशानियों का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 सितंबर यानि आज थोड़ी देर में संवाद करेंगे। वह इस दौरान एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, फेसबुक लाइव के जरिए मध्य प्रदेश के शहरी पथ विक्रेताओं को संबोधित करेंगे।

संवाद से पहले होगा फिल्‍म का प्रदर्शन
पीएम मोदी की इस वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्‍यम से होने वाले आयोजन में मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भाग लेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री प्रदेश के तीन लाभार्थियों से उनके कार्य स्‍थल से वर्चुअल संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री के संवाद से पहले प्रधानमंत्री स्‍वनिधि योजना पर तैयार फिल्‍म का प्रदर्शन भी किया जाएगा।

इस योजना में हितग्राहियों को लोन दिया जा रहा है
बता दें कि इदौर के रवींद्र नाट्य गृह में आयोजित कार्यक्रम में पात्र हितग्राहियों को लोन योजना का लाभ दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व महापौर, पूर्व सभापति, पूर्व एमआईसी सदस्य, पूर्व पार्षद भी रहेंगे। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के अंतर्गत 10 हजार रुपए का ऋण प्रदान किया जा रहा है। इसका ब्याज सरकार देगी।

 4.50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन 
बता दें कि अकेले मध्यप्रदेश में इस योजना के तहत 4.50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इनमें 4 लाख से अधिक को परिचय-पत्र तथा वेंडर प्रमाण-पत्र जारी दिए जा चुके हैं। मध्‍यप्रदेश सरकार ने 2.45 लाख योग्य लाभार्थियों के आवेदन पोर्टल के जरिये बैंकों के समक्ष प्रस्‍तुत कर दिए हैं। इन आवेदनों में से 1.40 लाख को 140 करोड़ की राशि स्‍वीकृत की जा चुकी है। इस योजना के अंतर्गत देश में कुल स्‍वीकृत आवेदनों में से 47 प्रतिशत मध्‍यप्रदेश से हैं। यानी मध्य प्रदेश इस मामले में पहले नंबर पर है।

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