आशा मिश्रा और अमृता यादव के परिवार की राजनीतिक लड़ाई पुरानी है। दोनों के ससुर के बीच 1990 में विधानसभा चुनाव के दौरान मुकाबला हुआ था। इस मुकाबले में बीजपे के हुकुमचंद यादव को जीत मिली थी। अब बहू ने भी जीत दर्ज की है।
खंडवा. मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव के पहले फेज का रिजल्ट आज घोषित किया गया। खंडवा नगर निगम सीट पर भाजपा ने एक बार फिर से जीत दर्ज की है। 2015 के निकाय चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में थी। इस बार बीजेपी की अमृता यादव ने कांग्रेस की आशा मिश्रा को 19 हजार 763 वोटों से चुनाव हारा दिया है। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा के दिग्गजों ने अपनी ताकत झोंक दी थी। अमृता यादव बीजेपी के लीडर हुकुमचंद यादव की पुत्रबधु हैं। वहीं, आशा मिश्रा और अमृता यादव के परिवार की राजनीतिक लड़ाई पुरानी है। 1990 के विधानसभा चुनाव में अमृता यादव के ससुर हुकुमचंद यादवव ने आशा मिश्रा के ससुर, वीरेन्द्र मिश्रा को विधानसभा चुनाव में हराया था। अब बहू ने भी जीत दर्ज की है।
शिवराज ने किया था प्रचार
खंडवा नगर निगम चुनाव में जीत के लिए बीजेपी ने अपनी ताकत झोंक दी थी। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए रोड शो भी किया था। शिवराज सिंह चौहान ने यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता अरुण यादव को बड़ा ऑफर दिया था। शिवराज ने कहा था कि अरुण यादव आप कांग्रेस में क्या कर रहे हैं। यहां तो केवल कमलनाथ ही हैं।
जीत को बताया जनता का आशीर्वाद
खंडवा मेयर का चुनाव जीतने के बाद अमृता यादव ने कहा कि यह जीत खंडवा के जनता की जीत है। उन्होंने कहा कि यहां कि जनता ने विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए मुझे आशीर्वाद दिया है। उन्होंने इस जीत का श्रेय बीजेपी संगठन, कार्यकर्ताओं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिया।
पहले फेज में हुई थी वोटिंग
बता दें कि खंडवा नगर निगम में वोटिंग पहले फेज में हुई थी। यहां 6 जुलाई को वोट पड़े थे। वोटिंग प्रतिशत कम होने के कारण भाजपा-कांग्रेस में टेंशन बढ़ गई थी। कांग्रेस की तरफ से अरुण यादव के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल थी।
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