पंचायत चुनाव में नामांकन से पहले नारायण धाम मंदिर पर एक बैठक होती है। इसमें पंचायत के सभी लोग शामिल होते हैं। दावेदारी करने वाले उम्मीदवारों की अच्छाई और बुराई पर चर्चा होती है और फिर इसी के हिसाब से उसका चयन किया जाता है।
सागर : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां एक, दो नहीं बल्कि पिछले सात बार से निर्विरोध चुनाव हो रहा है। यहां लगातार 7वीं बार पंच-सरपंच सभी निर्विरोध चुने गए हैं। इस ग्राम पंचायत का नाम है पिपरिया गोपाल ग्राम पंचायत। सागर (Sagar) जिले के रहली जनपद में आने वाली इस ग्राम पंचायत में 32 साल से वोट ही नहीं पड़े। यहां पंच और सरपंच के 16 पदों पर महिलाओं को चुना गया है। ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही चुनाव की तारीख फाइनल होने के बाद गांव के सभी लोग नारायण धाम मंदिर में जुटते हैं और यहीं पर सभी पदों का चयन होता है।
इस तरह चुने जाते हैं प्रत्याशी
नारायण धाम मंदिर पर होने वाली बैठक नामांकन जमा होने के एक दिन पहले होती है। इस बैठक में बड़े, बूढ़े और नौजवान सभी शामिल होते हैं और कसम खाते हैं कि जो भी गांव के बुजुर्ग फैसला करेंगे, उसका पालन करना होगा। निर्विरोध सरपंच का चयन उसके सभी तरह के गुण और दोष पर चर्चा के बाद किया जाता है। जो भी लोग चुनाव में अपनी दावेदारी करते हें, उन सभी को इस बैठक में बुलाया जाता है। उसके बाद देखा जाता है कि आखिर इस उम्मीदवार की कितनी अच्छाई है। कहीं यह नशा तो नहीं करता। भगवान में इसकी कितनी आस्था है। यह समाज के प्रति कैसा व्यवहार करता है। फिर इसी आधार पर उसका चुनाव होता है।
ये महिलाएं बनी निर्विरोध पंच
जिन महिलाओं को पंच के रुप में निर्विरोध चुना गया है, उनमें फूल रानी पति लच्छू सौर, कौशल्या रानी पति परसराम सौर, सविता रानी पति चन्द्रभान पटेल, सविता रानी पति भरत कुर्मी, अशोक रानी पति रामकरण कुर्मी, अनुसुइया रानी पति गोपाल चढ़ार, सियारानी पति विष्णु अहिरवार, आशारानी पति कुट्टन अहिरवार, अनिता रानी पति कनई कुर्मी, ललिता रानी पति परषोत्तम कुर्मी, कमलरानी पति उत्तम कुर्मी, कौशल्या रानी पति रामप्रताप कपस्या, दीपरानी पति मिट्ठू कुर्मी, संतोष रानी पति हरी राम कुर्मी, अनुसुइयारानी पति मोतीलाल कुर्मी और तारा रानी पति महेश प्यासी शामिल हैं।
32 साल से निर्विरोध सरपंच
32 साल से जिन सरपंचों का निर्विरोध चुनाव हो रहा है, उनमें जगदीश कपस्या, जामुन वाले रामनाथ पटेल, रामप्रसाद कपस्या, कौशल्या रानी कपस्या, कौशल किशोर कपस्या, अनसुइया रानी चढ़ार और शारदा नंदराम आदिवासी हैं। इन सभी ने प्रण लिया है कि गांव का विकास करेंगे और गांव के सभी गरीबों को पक्के मकान दिलाएंगे। इसके साथ ही पानी और मजदूरी का भी इंतजाम किया जाएगा।
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