मध्य प्रदेश में 22 साल की MA पास बहू ने जीता सबका दिल: ना वोटिंग ना काऊंटिग और बन गई सरपंच

मध्य प्रदेश त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भोपाल के पास आदमपुर छावनी ने एक नई मिसाल पेश की है। गांव के लोगों ने एक महिला को निर्विरोध सरपंच चुना।

भोपाल. मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का आगाज हो चुका है। प्रदेश के इन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर है। क्योंकि गांव की सरकार के लिए चुनावी मैदान में बड़े-बड़े नेताओं की पत्नी-बहू और बेटा-बेटी इलेक्शन लड़ रहे हैं। घर-घर और गली-गली जाकर वोट मांग रहे हैं। इसी बीच एक शानदार खबर सामने आई है। जहां एक ग्रामीण पंचायत ने मिसाल पेश की है। यहां पहली बार सरपंच और 20 पंच निर्विरोध चुने गए हैं। अनोखी बात यह है कि ये सभी महिलाएं हैं। कोई ग्रेजुएट है तो किसी ने मास्टर डिग्री की हुई है।

एमए पास बहू बनी सरपंच तो पूरे गांव में मना जश्न 
दरअसल, यह अनोखी मिसाल भोपाल से 10Km दूर आदमपुर छावनी पंचायत ने पेश की है। जहां गांव के लोगों ने आपस में बैठकर और बातचीत से सरपंच और 20 पंच निर्विरोध चुन लिए। ग्रामीणों ने 22 साल की कृष्णा रावत को सरपंच चुना। पूरे गांव में जश्न का माहौल है। सभी इस तरह से चुनी गई गांव की सरकार से खुश हैं। उनका कहना है कि जो पैसा प्रचार में लगाते उसे हम अब गांव के विकास में लगाएंगे।

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डेढ़ साल पहले शादी, अब संभालेंगी गांव की बागडोर
बता दें कि पहली बार अपने गांव की मुखिया बनी कृष्णा रावत ने MA की डिग्री हासिल की है। खास बात यह है कि कृष्णा की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई और अब वह गांव की मुखिया बन गई हैं। कल तक जहां वो घर में चौका-चूल्हा संभाल रही थीं, अब पूरी पंचायत की कमान अपने हाथ में लेंगी। उन्होंने सोचा नहीं था कि वह ससुराल में जाकर भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी।

जेठ ने बहू के लिए छोड़ दी सरपंच की कुर्सी
कृष्णा के जेठ प्रशांत ठाकुर पिछली बार उप सरपंच थे। इस बार सरपंच पद OBC (मुक्त) के लिए आरक्षित था। प्रशांत चाहते तो सरपंच के लिए वह खुद चुनाव लड़ सकते थे। लेकिन उन्होंने सोचा क्यों ना इस बार कुछ अलग किया जाए। महिला के हाथ में गांव की बागडोर दी जाए। उन्होंने जब महिला का नाम सर्च किया तो उन्हें अपने छोटे भाई की पत्नी कृष्णा को सरपंच बनाने का ठान लिया। इसके बाद गांव के लोगों से इस बारे में बाताचीत को तो सभी इस बात के लिए राजी हो गए। साथ ही तय किया कि इस बार  गांव में सरकार चलाने वाली सभी महिलाएं ही होगीं। इसलिए आदमपुर छावनी में सरपंच सहित 20 महिलाएं पंच बनी हैं।

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