यहां देवी मां दिन में 3 बार बदलती हैं अपना रूप, कई CM से लेकर PM तक टेक चुके हैं माथा

देवी पीताम्बरा के दरबार में नेता से लेकर अभिनेता तक अपनी मुराद लेकर आते हैं। इस मंदिर में अक्सर राजसत्ता की चाह रखने वाले नेताओं का तांता लगा रहता है। क्योंकि इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी यहां एक बार आकर मां से आशीर्वाद ले लेता है तो उसको बड़ी बड़ी विपदाओं और संकटों से मुक्ति मिल जाती हैं। 

दतिया (मध्य प्रदेश). 29 सितंबर रविवार से शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इन नवरात्र में लाखों लोग देवी मां की उपासना करते हैं। वह इस दौरान देश के सभी देवी मां के मंदिरों में दर्शन करने के लिए जाते हैं। इस मौके पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां देवी मां एक दिन में तीन बार अपना रुप बदलती हैं।

मां के दरबार में लगा रहता है राजनेताओं का तांता
देवी पीताम्बरा के दरबार में नेता से लेकर अभिनेता तक अपनी मुराद लेकर आते हैं। इस मंदिर में अक्सर राजसत्ता की चाह रखने वाले नेताओं की भीड़ लगी रहती है। क्योंकि इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी यहां एक बार आकर मां से  आशीर्वाद ले लेता है तो उसको बड़ी बड़ी विपदाओं और संकटों से मुक्ति मिल जाती हैं। 

Latest Videos

मां करती हैं हर मनोकामना पूरी
दरअसल, देवी जी का यह प्रसिद्ध मंदिर मध्यप्रदेश के दतिया जिले में है, जिसको लोग मां पीतांबरा के नाम से जानते हैं। लाखों लोग इस मंदिर में माथा टेक अपनी मनोकामना को पूरा करते हैं। यहां आने वाले लोगों का मानना है, जो भी इस मंदिर में आकर माता का आशीर्वाद लेता है। उसकी मनोकामना मां पीतांबरा जल्द ही पूरा कर देती हैं। यहां नेहरु, इंदिरा गांधी अटल बिहारी, से लेकर राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अभिनेता संजय दत्त, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, ज्योतारदित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान से लेकर मोदी सरकार के ग्रहमंत्री अमित शाह तक यहां आकर मां का आशीर्वाद ले चुके हैं।

दिन में तीन बार रूप बदलती हैं यहां देवी मां
यह मंदिर देवी मां के रुप बदलने के लिए भी प्रसिद्ध है। मां पीताम्बरा में श्रद्धा रखने वाले भक्तों का मानना है कि यहां पीताम्बरा देवी एक दिन में तीन बार अपना रुप बदलती हैं। इस वजह से पीताम्बरा देवी की महिमा और भी ज्यादा बढ़ जाती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस मंदिर में देवी जी की स्थापना एक स्वामी जी महाराज ने 1935 में करवाई थी। इससे पहले यहां शमशान हुआ करता था, जहां अर्थियाों का अंतिम संस्कार किया जाता था। यह मंदिर स्वामी जी महाराज के चमत्कार के कारण भी प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि स्वामी जी ने बचपन से ही संन्यास धारण कर लिया था और मां का कठोर तप किया था।                                                                               
 

Share this article
click me!

Latest Videos

'भविष्य बर्बाद न करो बेटा' सड़क पर उतरे SP, खुद संभाला मोर्चा #Shorts #Sambhal
महाराष्ट्र में सत्ता का खेल: एकनाथ शिंदे का इस्तीफा, अगला सीएम कौन?
तेलंगाना सरकार ने क्यों ठुकराया अडानी का 100 करोड़ का दान? जानें वजह
Kharmas 2024: दिसंबर में कब से लग रहे हैं खरमास ? बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य
'चुनाव में उस वक्त ही हार गई थी भाजपा जब...' फिर चर्चा में आई यूपी उपचुनाव की एक घटना #Shorts